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’पंछी के पंजेनुमा हाथ की सर्जरी कर ठीक किया‘

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11 Apr 19
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’पंछी के पंजेनुमा हाथ की सर्जरी कर ठीक किया‘

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर के वरिष्ठ बर्न एवं प्लास्टिक व कॉस्मेटिक सर्जन डॉ आशुतोश सोनी ने संक्रमण के कारण नर्व पेरालिसिस से पीडत रोगी की करेक्टिव सर्जरी कर स्वस्थ किया। उन्होंने बताया कि भीलवाडा निवासी प्रकाशी बाई के हाथों का संचालन ( डवअमउमदज ) बंद हो गया था और उंगलियां पंछी के पंजे की मुद्रा में आ गई थी। ऐसे में डॉ सोनी ने ’क्लो हेंड करेक्टिव सर्जरी‘ कर रोगी के हाथों को सामान्य संचालन प्रदान किया। डॉ सोनी ने अनामिका उंगली से मांसपेशी (टेंडन) लेकर उसको चार भागों में विभाजित कर हाथ की उंगलियों में प्रतिस्थापित किया जिससे हाथ का संचालन दुबारा पहले जैसे शुरु हो गया। अब रोगी अपने नित कार्य बिना किसी परेशानी के कर पा रही है।

वरिष्ठ बर्न एवं प्लास्टिक व कॉस्मेटिक सर्जन डॉ सोनी ने बताया कि संक्रमण, कुष्ठ रोग, ट्रोमा इत्यादि से पीडत रोगियों में अकसर हाथ-पैरों में विकृति हो जाती है जिससे उनका सामान्य संचालन खत्म या कम हो जाता है। साथ ही हाथ व पैर की नसें भी खराब हो जाती है जिसका उपचार मांसपेशियों का एक भाग लेकर करेक्टिव सर्जरी द्वारा किया जाता है। उंगली की मांसपेशियां के भाग को लेकर नसों में प्रतिस्थापित कर संचालन शुरु किया जाता है। इस प्रक्रिया द्वारा इलाज से रोगी को कोई विशिष्ट हानि भी नहीं होती है।

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के सीईओ प्रतीम तम्बोली ने कहा कि, ’गीतांजली हॉस्पिटल के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग में हर रोज कई अलग एवं जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा रहा है। अनुभवी व प्रशिक्षित सर्जन डॉ आशुतोष सोनी रोगी को सामान्य जीवन प्रदान करने पर केंदि्रत रहते है। अब तक वे १०० से अधिक क्रॉस लेग सर्जरी, १००० से अधिक फ्लेप सर्जरी एवं २०० से अधिक लिंब सालवेज (हाथ-पैरों को काटने से बचाना) की सर्जरी कर कई रोगियों को नया जीवन प्रदान कर चुके है। इस तरह की असामान्य एवं जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देना गीतांजली हॉस्पिटल के बर्न, प्लास्टिक एवं कॉस्मेटिक  सर्जरी विभाग एवं डॉ सोनी की उपलब्धियों को दर्शाता है। हम रोगी के बेहतर एवं स्वस्थ जीवन की कामना करते है।‘


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