उदयपुर, किसी भी समाज में युवाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। युवा किसी भी राष्ट्र और सामाजिक विकास के लिए महत्वपूर्ण संसाधन है। युवा ऊर्जा, उत्साह और नए विचारों से ओतप्रोत होते हैं जो समाज को ऊंचा उठाने में सहायक होते हैं। यह बात महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति एवं कुलगुरु डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने कही। डाॅ. कर्नाटक रविवार को आर. एन. टी. मेडिकल कॉलेज सभागार में सालवी (बुनकर) समाज, साठ खेड़ा उदयपुर के प्रतिभावान छात्र-छात्राआंे के सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम में समाज के खेरोदा चैखला, मेड़ता, गिर्वा, मोड़ी और गवाड़ी चैखलों में निवासरत छह सौ से ज्यादा परिवारों व उनके प्रतिभावान छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। सैकण्डरी व सीनियर सैकण्डरी मेें अच्छे अंक लाने वाले विधार्थियों को मुख्य अतिथि डाॅ. कर्नाटक ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। साथ ही काॅलेज व अन्य उच्च शिक्षा में चयनित विधार्थियों के अलावा राजकीय सेवा मेें नवचयनित युवाओं को भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि हिन्दी वर्णमाला और गिनती में एक संख्या सबसे छोटी होती है। एक व एक मिलकर ग्यारह होने से शक्ति कई गुणा बढ़ जाती है। कहने का तात्पर्य यह कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए टीम वर्क की भावना का होना जरूरी हैं। आप नए किसी भी क्षेत्र को चुने टीम वर्क की भावना से कार्य करें। यदि अकेले भी रहो तो डर कर मत रहो, डट कर रहो ताकि सफलता आपके कदम चूमे।
डॉ. कर्नाटक ने अमरीकी बिजनेसमैन एल्विन टाॅफ्लर का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने पांच दशक पूर्व सफलता के मूल मंत्र के तीन आयाम बताए जो आज भी सार्थक है। टाॅफ्लर ने कहा था - सीखो, भूलो और फिर से नया सीखो। ज्ञान भी पुराना हो जाता है। समय की मांग के अनुसार खुद को नहीं बदला तो हम पीछे रह जाएंगे। उन्होंने युवाओं केा सीख दी कि ज्ञान के मामले मेें वे खुद को हमेशा अपडेट रखें। पढ़ने की आदत सभी बच्चांे में होनी चाहिए। इससे भी ज्यादा बेहतर है कि पुस्तक पढ़े और उस पर समूह चर्चा करें। सबसे सबसे बेहतर है खुद किसी कार्य को पूरा करने के लिए पूरे मनोयोग से जुट जाएं। इससे छात्र का सर्वागींण विकास सुनिश्चित है।
कार्यक्रम में श्री रमण कुमार, श्री रामलाल सालवी आदि ने भी विचार रखे और कहा कि सभी परिवार बच्चियों को नियमित विद्यालय भेजें ताकि वो भी भविष्य में उच्च पदासीन होकर समाज व देश का नाम रोशन कर सकें। कार्यक्रम में सालवी (बुनकर) समाज के विभिन्न चैखलों के प्रतिनिधि श्री मांगीलाल पचलोड़, श्री रोशन लाल पचलोड़, श्री सुरेन्द्र होर, श्री रमेश पिचोलिया, श्री अंबालाल लड़ोती, श्री मितेश रायकवाल, श्री तेजपाल, श्री सोहन लाल परमार, श्री गणेश लाल मणोती, श्री विनोद सौलंकी आदि ने भी समाजोत्थान पर विचार रखे।