उदयपुर, रविवार को पिछोला झील के पांच देवरिया, माँझी मंदिर, नागा नगरी, नाथी घाट कुम्हारीया तालाब इत्यादि क्षेत्रों में गए झील प्रेमियों ने आपात स्थिति की चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि कुम्हारीया तालाब में जल का रंग हरा हो गया है और डीवीडिंग मशीन और फ्लोटिंग फव्वारा की स्थिति भी चिंताजनक है।
वे सीवर झील में गिर रहे पानी के संकेत पर भी गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि झील में पुराने सीवरेज होल के छेद से भरेगा पानी, जिससे सीवर लाइन में पानी व्यर्थ होने की संभावना है।
झील प्रेमियों ने प्रशासन से नियमित निगरानी की मांग की है और बरसाती पानी के चेंबर में कचरा रोकने के लिए ठीक से बनी जालियों की जरूरत बताई है। इसे करके बरसाती प्रवाह के साथ आने वाले कचरे को झील में प्रवेश नहीं होने दिया जा सकता है।
इस निरीक्षण में शामिल थे झील विशेषज्ञ डॉ. अनिल मेहता, पूर्व झील विकास प्राधिकरण के सदस्य तेज शंकर पालीवाल, गांधी मानव कल्याण समिति के निदेशक नंद किशोर शर्मा, एफप्रो के पूर्व अधिकारी पल्लब दत्ता और उदयपुर बचाओ संघर्ष समिति के रणनीतिकार घनेंद्र सिंह सरोहा।