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कला-साहित्य का फेस्ट ‘मेवाड़ टॉक फेस्ट‘ कल (शनिवार) से उदयपुर में

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28 Mar 24
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कला-साहित्य का फेस्ट ‘मेवाड़ टॉक फेस्ट‘ कल (शनिवार) से उदयपुर में

उदयपुर, मेवाड़वासियों को कला व साहित्य जगत की हस्तियों से रूबरू करवाने और स्तरीय साहित्य का रसास्वादन कराने के उद्देश्य से कला-साहित्य का दो दिवसीय फेस्ट, मेवाड़ टॉक फेस्ट 30 मार्च से लेकसिटी स्थित मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के गोल्डन जुबली गेस्ट हाउस में आयोजित होगा। इस महोत्सव को लेकर युवाओं में बड़ा उत्साह दिखाई दे रहा है। आयोजकों द्वारा भी इस महोत्सव में युवाओं को जोड़ने के लिए इन दिनों मुहिम चला रखी है, खासकर युवा चिंतकों को साहित्य व चिंतन से जोड़ने की दृष्टि से इस महोत्सव को संजोया जा रहा है। अलग-अलग विषय के दो अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चिंतक लक्ष्मीनारायण भाला ‘लक्खी दा’ और ‘रश्मि सामंत’ इस फेस्ट के अतिथि होंगे जो संभागियों से चर्चा करेंगे। इसके साथ ही पुस्तक मेला और फिल्म की स्क्रीनिंग का भी आकर्षण रहेगा। देश के पूर्व से लक्ष्मीनारायण भाला, दक्षिण से रश्मि सामंत, पूर्व से  बंगाल 1947 के निर्माता आदित्य आकाश लामा और पश्चिम में स्थित उदयपुर में फेस्ट के आयोजन से इस आयोजन ने चतुर्दिक पूरे देश को ही जोड़ दिया है।  





संविधान में राम, कृष्ण की तस्वीर का राज खोलने वाले है लक्ष्मीनारायण भाला:

भारत का संविधान एक बड़ा ग्रंथ है। इसमें दुनिया के सभी संविधान से उपयोगी चीजों का समावेश किया गया है। लेकिन उसकी एक बड़ी विशेषता रही है इसमें अंकित 22 चित्र। भारत के राष्ट्रीय चिह्न के अलावा जो चित्र अंकित किए गए हैं, उसे लेकर भी संविधान निर्माताओं ने काफी माथापच्ची की। संविधान के भीतर भगवान राम और कृष्ण के साथ ही सनातन संस्कृति और ऐतिहासिक घटनाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए कई तस्वीरें अंकित की गई और इन तस्वीरों को सहज भाषा में सबके सामने लाने का काम किया है वरिष्ठ लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता और संविधान विशेषज्ञ लक्ष्मी नारायण भाला "लक्खी दा" ने.. जिन्होंने "संविधान भाव एवं रेखांकन" नाम की पुस्तक के जरिए लोगों का इस तरफ ध्यान खींचा। संविधान पर उनकी दो पुस्तकें प्रकाशित हैं।
संविधान विशेषज्ञ, समाजसेवी एवं संस्कृतिकर्मी लेखक लक्ष्मीनारायण भाला "लक्खी दा" एक अनथक यात्री और यायावर भी हैं। नागपुर विश्वविद्यालय से वाणिज्य स्नातक तथा हिंदी विशारद की उपाधि प्राप्त कलाप्रेमी लेखक संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, असमिया, बांग्ला, मराठी, नेपाली और मारवाड़ी भाषा एवं ओड़िया तथा गुजराती लिपि के भी अच्छे जानकार हैं। ऐसे बहुभाषाविद् लेखक की तीन काव्य संग्रहों समेत लगभग 15 कृतियाँ प्रकाशित हैं। समकालीन समय, समाज और सरोकार से निरंतर जुड़े लेखक के अनेक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में अब तक शताधिक लेख एवं कविताएँ प्रकाशित हो चुकी हैं तथा यह क्रम अनवरत अब भी जारी है। देश के अनेक प्रतिष्ठान, न्यास, कार्यकारिणी तथा संस्थान आदि से जुड़े लेखक निरंतर यात्रा लीन रहते हैं। इस क्रम में देश के हर प्रांत के अलावा, मॉरिशस, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, दुबई, फ्रांस, दक्षिण अमेरिका आदि अनेक देशों की यात्राएँ कर चुके हैं। सन् 1968 से सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों से जुड़े लक्खी दा का जन्म महाराष्ट्र के चिखली नगर में 21 जनवरी, 1945 को हुआ। कई संगठन से जुड़े, समाज एवं राष्ट्र हित कार्य किये एवं हिंदुस्थान समाचार में राष्ट्रीय स्तर का दायित्व निभाने के बाद अब 2018 से उन्होंने हिंदू आध्यात्मिक सेवा प्रतिष्ठान के दायित्व पर है। वे अंतरराष्ट्रीय न्यूज संस्थान के भी निदेशक हैं। संप्रति, दिल्ली में रहते हैं।

 





ऑक्सफोर्ड छात्र संघ की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष रहीं हैं रश्मि सामंत:

ऑक्सफोर्ड छात्र संघ (एसयू) की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष निर्वाचित होकर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में इतिहास बनाने वालीं रश्मि सामंत कर्नाटक में उडुपी की रहने वाली हैं। रश्मि की मां का नाम वत्सला और पिता का नाम दिनेश सामंत हैं। उन्होंने मणिपाल और उडुपी से स्कूलिंग की। उनके पिता बिजनेसमैन और मां हाउस वाइफ हैं। रश्मि ने मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से ग्रेजुएशन किया है।
रश्मि पहली भारतीय महिला थीं जो वर्ष 2021-22 के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी छात्र संघ की अध्यक्षा बनीं। लेकिन चुनाव जीतने के एक ही हफ्ते के भीतर उन्होंने अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया। इस छात्र संघ में उपाध्यक्ष पद पर भी भारतीय मूल की देविका और ट्रस्टी के लिए धीति गोयल का चयन हुआ था।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के लिनाक्रे कॉलेज में पढ़ाई कर रहीं भारतीय मूल की रश्मि सामंत ने अपने देश को गौरवान्वित किया है। लिनाक्रे कॉलेज से ऊर्जा प्रणाली विषय पर एमएससी कर रही सामंत ने छात्रसंघ चुनाव में 3,708 मतों में से 1,966 मत हासिल कर शानदार जीत दर्ज की थी। उनके घोषणा-पत्र में उनकी भारतीय जड़ों का भी जिक्र था। विश्वविद्यालय के चुनाव में उन्होंने पाठ्यक्रम से औपनिवेशिक सोच को कम करने का जो वादा किया, उसे खासतौर पर पसंद किया गया था। इसके साथ ही रश्मि ने विश्वविद्यालय में लंबे समय से व्याप्त कमियों को दूर करने का भी भरोसा दिया था। *खुद रश्मि ने स्वीकार किया था कि अश्वेत, एशियाई, अल्पसंख्यक समूह और ब्रिटिश उपनिवेश रहे देश की महिला होने के चलते यूनिवर्सिटी में उन्हें एक छोटे समूह की ओर से उत्पीड़न झेलना पड़ा।*

एक हजार से ज्यादा पुस्तकों की स्टॉल्स:

फेस्ट के बुक कोर्डिनेटर हनुमान चौहान ने बताया कि मेवाड़ टॉक फेस्ट के तहत युवाओं को स्तरीय पुस्तकों और साहित्य के प्रति अनुरागी बनाने के उद्देश्य से एक पुस्तक मेले का आयोजन भी किया जाएगा जिसमें इच्छुक व्यक्ति पसंदीदा विषय की पुस्तकें खरीद भी सकेंगे। इसमें 11 प्रकाशकों की 1 हजार से अधिक पुस्तकें प्रदर्शित की जाएंगी। इसके तहत विभिन्न विषयों यथा जीवनी, साहित्य, उपन्यास, धार्मिक, विज्ञान, इतिहास, कला-संस्कृति के साथ-साथ प्रेरणादायी पुस्तकों को प्रदर्शित किया जाएगा। चौहान ने बताया कि प्रमुख रूप से गरूढ़ा, नेशनप्रेस, प्रभात, ब्लूम्सबरी, हार्परकॉलिंस, हिन्दी साहित्य सदन आदि प्रकाशकों की पुस्तकों को स्थान दिया जाएगा।

चिंतन और चर्चा के नाम रहेगा दो दिवसीय उत्सव:


मेवाड़ टॉक फेस्ट के सेशन प्लानर प्रीतम जवारियाँ ने बताया कि दो दिवसीय इस फेस्ट में प्रथम दिवस दिनांक 30 मार्च को 2:00 बजे प्रारम्भ होकर 7 बजे तक रहेगा, जिसमें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष एवं लेखिका रश्मि सामन्त का ‘ए हिंदू इन ऑक्सफोर्ड विषय पर तथा लेखक एवं विचारक लक्ष्मी नारायण भाला “लक्खी दा’ का भारत के संविधान की जन्म कथा विषय पर संभागियों से चर्चा करेगी। द्वितीय दिवस, 31 मार्च को तीसरा सत्र होगा जो प्रातः 9:30 बजे से प्रारम्भ होकर 1 बजे तक रहेगा, जिसमें  “बंगाल 1947“ फिल्म की स्क्रीनिंग होगी जिसमें दर्शक फिल्म के निदेशक और अभिनेता से चर्चा कर सकेंगे। इसके साथ ही आयोजन स्थल पर विभिन्न विषयों की पुस्तकों की स्टॉल्स भी लगेगी जिसमें पुस्तकप्रेमी पसंदीदा पुस्तकों को खरीद सकेंगे।  

दो पुस्तकों का परिचय होगा :

फेस्ट के पुस्तक इंट्रो की कोर्डिनेटर रौनक उपाध्याय ने बताया कि  फेस्ट में सत्र प्रारम्भ होने से पहले पंद्रह मिनिट में एक पुस्तक का इंट्रो दिया जायेगा एवं पुस्तक के बारे में बताया जायेगा।

इस तरह से जुड़ सकते साहित्यप्रेमी:

फेस्ट के रजिस्ट्रेशन टीम से दर्शना एवं हिमानी ने बताया कि इस महोत्सव से जुडने के लिए आयोजक टीम द्वारा एक क्यूआर कोड जारी किया गया है जिस पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने एवं फेस्ट में उपस्थिति देने वाले हर सदस्य को एक प्रमाण पत्र भी जारी किया जाएगा। उन्होंने शहरवासियों को इस फेस्ट में उपस्थिति और इसका लाभ उठाने का आह्वान भी किया।

24 कार्य विभाग बनाकर एक माह से कर रहे तैयारी

फेस्ट की कोऑर्डिनेटर रूचि ने बताया कि फेस्ट की तैयारियां लगभग एक माह से चल रही है जिसमें कुल 47 सदस्य की टीम, 13 वालंटियर कार्य कर रहे है कार्य को 24 विभागों में बांटा गया है जैसे: वेन्यू, सफाई, बुक्स, आउटरीच, गेस्ट कोर्डिनेशन, सोशल मीडिया, डिज़ाइन, डेकोरेशन, कंटेंट, जलपान आदि मुख्य है, इनमे हर विभाग के हेड बनाये है फिर उनके साथ टीम बनाकर कार्य को किया जा रहा है।


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