भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष गोरखपुर क्षेत्र उत्तर प्रदेश एवं विख्यात समाजसेवी श्री अरविंद जायसवाल ने आज वरिष्ठ शिक्षाविद एवं मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह से शिष्टाचार भेंटवार्ता की और उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया। इस अवसर पर प्रोफेसर सिंह ने श्री जयसवाल को राज्यपाल श्री कलराज मिश्र द्वारा लिखित पुस्तक निमित्त मात्र हुं की प्रति उपहार स्वरूप भेंट की। उन्होंने निमित्त मात्र हुं को युवाओं के लिए प्रेरणा पुंज बताया। इस अवसर पर दोनो के मध्य युवाओं के कौशल विकास एवं सशक्तिकरण, कौशल शिक्षा, स्वरोजगार, आत्मनिर्भरता और युवा उत्थान से जुड़े विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर चर्चा हुई एवं युवाओें हेतु विभिन्न सामाजिक प्रकल्पों पर सहमति भी व्यक्त की गई।
पूर्व कुलपति प्रो अमेरिका सिंह ने कहा की कौशल विकास युवाओं के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें उद्यमशीलता बढ़ाने, रोजगार की अधिक संभावनाएं और आर्थिक प्रगति की कुंजी है। कौशल विकास में निवेश करके हम अपने युवाओं और देश को बेहतर भविष्य दे सकते हैं। युवा शक्ति को कुशल व हुनरमन्द बनाने से ही देश का विकास संभव है। किसी भी देश व व्यक्ति के विकास में कला, कौशल व हुनर का महत्वपूर्ण स्थान है। मानव संसाधनों के उपयोग से कौशलता में और निखार लाकर सतत विकास की प्रक्रिया को गतिमान बनाया जा सकता है। कहा जाता है कि हुनर कुशल कार्यबल एक धरोहर है। इसी उद्देश्य से विश्व युवा कौशल पर हमारी जनकल्याणकारी सरकार द्वारा ध्यान केंद्रित किया गया है। देश में बढ़ती युवा शक्ति के लिए नीति निर्माता चुनौतियों और अवसरों का लाभ उठा रहे हैै। युवाओं को रोजगार योग्य और उद्यमशीलता कौशल से लैस करने के सार्थक प्रयास किए जाने चाहिए हैं ताकि वे बदलती दुनिया का सामना कर सकें।
श्री अरविंद जायसवाल क्षेत्रीय उपाध्यक्ष गोरखपुर क्षेत्र ने कहा की किसी भी देश के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में कौशल का महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है। कौशल एक ऐसा साधना है, जिसके द्वारा युवाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही उद्योगों की मांग के अनुसार कुशल कार्यबल तैयार करके स्किल गैप को आसानी से भरा जा सकता है। कौशल सिर्फ एक व्यक्ति को ही नहीं, बल्कि उसके साथ-साथ समाज और राष्ट्र को भी आगे बढ़ाता है।युवाओं के कौशल विकास से भारत को विश्व की कौशल महत्वपूर्ण केंद्र बनाया जा सकता है। हमे अधिक से अधिक युवाओं को कौशल विकास के साथ जोड़ना है ताकि कौशल विकास कर उन्हेंं रोजगार के स्थायी अवसर प्रदान किए जा सकें। कुशल युवा ही आत्मनिर्भर भारत के विजन को नई दिशा प्रदान कर सकते हैं। सुदृढ़ नीतियों से ही युवाओं को बनाएगी सशक्त बनाया जा सकता हैं।