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तनाव और स्वास्थ्य व्युत्क्रमानुपाती: डॉ.नरेंद्र सिंह राठौड़

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03 May 21
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तनाव और स्वास्थ्य व्युत्क्रमानुपाती: डॉ.नरेंद्र सिंह राठौड़

उदयपुर,उपरोक्त विचार महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ,उदयपुर के माननीय कुलपति तथा उदघाटन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ.नरेंद्र सिंह राठौड़ ने सामुदायिक एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय दवरा आयोजित तथा अखिल भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली,राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना द्वारा प्रायोजित “कोविड-19 के दौरान स्वास्थ्य और तनाव का प्रबंधन ” विषयक एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार में व्यक्त किये.ऑनलाइन हुए इस वेबिनार को सम्बोधित करते हुए आपने बताया की तनाव बढ़ता है तो सेहत घटती है और तनाव घटता है ,तो सेहत बढ़ती है। आपने सेहत के चार आयामों यथा शारीरिक,मानसिक ,सामाजिक और आध्यात्मिक पहलूओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए आहार सुरक्षा,पोषण सुरक्षा ,स्वास्थ्य सुरक्षा के साथ साथ रोग प्रतिरोधक सुरक्षा को भी सुनिश्चित करने का आह्वाहन किया। साथ ही इसके लिए क्रोध प्रबंधन ,धर्म -कर्म -मन में विश्वास ,व्यायाम ,रिश्तों में तारतम्यता ,डिजिटल टेक्नोलॉजी ,आराम ,संसाधनों का समानुपातिक प्रबंधन इत्यादि को प्रासंगिक बताया।

अधिष्ठाता ,सामुदायिक एवम व्यवहारिक विज्ञान महाविद्यालय ,डॉ. मीनू श्रीवास्तव ने स्वागत करते हुए कहा की किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य और पोषण की स्थिति उम्र, लिंग, स्वास्थ्य की स्थिति, जीवन शैली और दवाओं जैसे कई कारकों से प्रभावित होती है। आपने वेबिनार को पूरी से समीचीन बताते हुए कहा की वर्तमान में इस महामारी के चलते सभी की मन में अनेक आशंकाएं हैं ,ऐसे समय में इस वेबिनार के दौरान विषय विषज्ञों से प्रत्यक्ष संवाद निश्चय ही आमजन में एक प्रेरणा और सकारात्मकता का संचार करेगा।

वेबिनार के कनवीनर डा.अजय कुमार शर्मा, डीन, सी.टी.ए.ई., विश्व बैंक द्वारा पोषित ,संस्थान विकास कार्यक्रम ,राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के प्रमुख अन्वेषक महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्यौगिकी विश्वविधालय, उदयपुर ने कहा की दैनंदिन रूप से इतने लोगों की मृत्यु के बढ़ते ग्राफ से सभी लोगों में भय/चिंता का होना सामान्य बात है। किन्तु इस से बचने के उपाय भी हमें ही करने होंगे। आपने सतत प्रेरणा और व्यस्ततम दिनचर्या को इसके लिए उपयोगी बताया.

डा.एस. के.शर्मा, निदेशक अनुसंधान ने जीवन के तीन एच यथा हैंड ,हार्ट और हैंड्स की एकरूपता पर बल देते हुए कहा की इस वैश्विक महामारी से पार पाने के लिए सभी को अपना स्व मज़बूत करना होगा। साथ इस नियमित और संयमित दिनचर्या का पालन करना होगा।

आयोजन सचिव डॉ. रेनू मोगरा द्वारा दिए गए परिचय उपरान्त मुख्य वक्ता,सवाई मानसिंह अस्पताल ,जयपुर के हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. मोहित शर्मा ने अपने उद्बोधन में महर्षि पातंजलि के योग सूत्र ,रामायण ,महाभारत आदि से लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन तक के उदाहरणों से यह स्पष्ट किया की इस महामारी का मूल कारण अविद्या ,अस्मिता ,राग,द्वेष और अभिनिवेश नामक पांच क्लेश हैं। आपने रोज़मर्रा के जीवन में होने वाली घटनाओं के माध्यम से समझाया की अन्य बीमारियों की ही तरह इसे भी लें। इसके बारे में अल्पज्ञान होने से वर्तमान में हालात बेकाबू हो रहे है। आपने विश्वास जताया की स्वास्थ्यपूर्ण दिनचर्या ,सात्विक भोजन ,परिवारजन का सानिध्य ,सकारात्मक व्यक्तित्व ,ध्यान ,योग ,शांत चित्त इस महामारी से बचने के उपाय हैं। इन्हें अपनी जीवन शैली में नियमित रूप से शामिल करें ताकि अचानक आपातकाल के समय आपको बीमारियों से लड़ने की ताक़त मिल सके। साँसों के ताने बाने को स्वस्थ रखने पर ज़ोर देते हुए आपने सबसे आत्मविश्वासी होकर मृत्यु के भय से उबरने की अपील की । आपने बताया कि रिपोर्ट से ज़्यादा लक्षणों पर ध्यान दें ।ये वायुजनित है इसलिए काम से कम तीन फीट की दूरी बनाए रखें।सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी का पालन करें।प्रश्नोत्तरी के माध्यम से आपने जिज्ञासाओं का समाधान किया ताकि सब तनाव मुक्त हो सकें।

सत्र का संचालन करते हुए आयोजन सचिव , डा. गायत्री तिवारी ने बताया की ने वेबिनार के बारे में जानकारी देते हुये बताया की वेबिनार आयोजन के प्रमुख उद्देश्य स्वास्थ्य और तनाव के संबंध में छात्रों और सामान्य आबादी के बीच जागरूकता पैदा करना, समग्र स्वास्थ्य देखभाल के संबंध में आवश्यक क्रियाओं के बारे में ज्ञान प्रदान करना औरतनाव प्रबंधन के लिए छात्रों को लैस करना थे ,समापन टिप्पणी करते हुए आपने प्रतिभागियों से ऐ. बी. सी।.डी. याद रखने की गुज़ारिश की अर्थात अवेयरनेस ,बिलीफ सिस्टम ,कण्ट्रोल और डाइवर्ट योरसेल्। आपने बताया की वेबिनार में कुल कुल 1631 ने पंजीकरण करवाया था जिनमें से 1091 आज उपस्थित रहे। जिनमें विश्वविद्यालय के डीन ,डायरेक्टर्स , संकाय सदस्य, कर्मचारी, वैज्ञानिक और छात्र-यूजी, पीजी, रिसर्च स्कॉलर्स शामिल थे जो जनमानस में शीर्षक विशेष के प्रति रुझान का परिचायक है।। धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव डॉ. रेनू मोगरा ने किया। वेबिनार के नियोजन ,क्रियान्वयन में आयोजन समिति के सदस्य और विद्यावाचस्पति स्कॉलर्स श्री पियूष चौधरी एवम सुश्री विशाखा त्यागी ने महत्पूर्ण भूमिका निभाई।


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