उदयपुर जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डिम्ड टू बी विवि के प्रशासनिक भवन में गुरूवार को देश के प्रथम राष्ट्रपति, भारत रत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की 151वीं जन्म जयंति पर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कुलपति कर्नल प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने कहा कि राजेन्द्र बाबू चहूूमुखी प्रतिभा के धनी थे और हर क्षेत्र में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया, तमाम अभावों के बावजूद उन्होने डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त की, वकालात करने के साथ ही भारत की आजादी के आंदोलन में महात्मा गांधी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष किया। भारत की आजादी में हुए स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार, सर्वोदय आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण निभाई। वे सामाजिक कुप्रथा के गौर विरोधी थे। प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि संविधान निर्माण में राजेन्द्र बाबू की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उनके जीवन पर गांधीजी के जीवन का गहरा प्रभाव पडा व छूआछुत व जाति के प्रति गांधीजी के नजरियें का पूरा समर्थन करते थे। रजिस्ट्रार डॉ. हेमशंकर दाधीच, डॉ. पारस जैन, डॉ. अमिया गोस्वामी, डॉ. अपर्णा श्रीवास्तव, डॉ. घनश्याम सिंह भीण्डर, निजी सचिव कृष्णकांत कुमावत सहित कार्यकर्ताओं ने राजेन्द्र बाबू को पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया।