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अफीम पॉलिसी के लिए दिए सुझाव

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13 Jun 23
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अफीम पॉलिसी के लिए दिए सुझाव

चित्तौड़गढ़, । आगामी फसल वर्ष 2023-24 के बनने वाली अफीम पॉलिसी में किसानों के लिए और अधिक सुविधा हो और विभिन्न कारणों से रूके लाईसेंस उनको मिल सके इसके लिए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चित्तौड़गढ़ सांसद सी.पी. जोशी ने कोटा में आयोजित नारकोटिक्स विभाग की सुझाव के लिए आयोजित बैठक में पत्र के माध्यम से सुझाव भेजे। 
सांसद प्रवक्ता रघु शर्मा ने बताया कि आगामी अफीम पाॅलीसी के लिए सांसद सी.पी. जोशी ने भेजे पत्र में कहा कि वर्ष 1998 से अभी तक के सभी प्रकार के पट्टे घटिया मार्फीन से हो या कम औसत से हो या अन्य किसी प्रकार से कटे हों उन्हंे बहाल किया जाए। दैनिक तौल को बन्द कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि अफीम निकालते समय अफीम में पानी की मात्रा होती है। समय के साथ ही पानी सूखता रहता है एवं अफीम का वजन कम होता जाता है।
जिन किसानों को अफीम लाईसेंस के लिये पात्र माना गया है, उन किसानों को विभाग के द्वारा लाइसेंस पात्रता की सूचना लिखित में दी जाए। किसान यदि फसल बोना नहीं चाहता है तो यह किसान से लिखित में लिया जाये तथा यह जिम्मेदारी विभाग की होनी चाहिए।अफीम फसल बुवाई के 45 दिनों के अन्दर गिरदावरी कार्य पूर्ण कर लिया जाए।
विगत वर्ष में जिन किसानों को लाईसेंस तो मिल गए, लेकिन किसी कारणवश फसल बो नहीं पाए, ऐसे किसान उसी वर्ष फसल बोने की शर्त के कारण वंचित रह गए, उन्हें भी इसी वर्ष फसल बोने की अनुमति प्रदान कि जाए।1998-2003 तक वालों को पुर्व में सिर्फ 1 किग्रा की छूट दी गई थी, इसे 1 किग्रा से बढ़ाई जाये। जिन किसानों की औसत में 5 वर्ष पूरे नहीं हो रहे हैं, उनको प्रतिवर्ष औसत में छूट प्रदान कि जाए। जिन अफीम काश्तकारों की फसल तौल से पुर्व चोरी हो गई एवं उन्होंने प्राथमिकी दर्ज करवाई, ऐसे किसानों के प्रकरणों पर सहानुभुतिपुर्वक विचार कर उन्हें भी अफीम खेती का अवसर प्रदान किया जाना चाहिए। लाईसेंस प्राप्त किसान को पानी की कमी के कारण अन्य गांव में फसल बोने की छूट प्रदान करवाई जाए।वर्ष 1998-99 में किसानों को नये लाईसेंस प्रदान किये गये लेकीन पानी की कमी के कारण जो किसान अफीम फसल की बुवाई नहीं कर पाए, विभाग की जानकारी वाले इस प्रकार के किसानों को पुनः लाईसेंस प्रदान करवाये जाए।मृतक किसानों के नामांतरण उनके उत्तराधिकारी जैसे पत्नी, पुत्र, पुत्री, के अलावा मृतक किसान के विधिक/वैध वारिसान जैसे दत्तक पुत्र-पुत्री, पौत्र-पौत्री, या किसान द्वारा आवदेन पत्र में दर्शाए गए वारिसान/उत्तराधिकारी के नाम पर नामांतरण करके प्रक्रिया को आसान किया जाकर किसानों को अनावश्यक परेशानी से बचाया जाए।
अफीम नीति की घोषणा सितम्बर माह के द्वितीय सप्ताह तथा लायसेंस वितरण सितम्बर माह के अंतिम सप्ताह तक अनिवार्यत किया जाए।अफीम लाईसेंस वितरण प्रक्रिया में नवाचार करते हुए पात्र किसानों को लायसेंस आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाए। इसके साथ ही अफीम खेती में अनियमितताओं में संबंधित अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही की जाएतथा इससे जुड़े सब लोगों की जांच करवाकर उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जाए।

 

 


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