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बालश्रम संबंधी मामलों में आईपीसी के साथ जे.जे. एक्ट में भी हो कार्यवाही-पण्ड्या

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15 Feb 20
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बालश्रम संबंधी मामलों में आईपीसी के साथ जे.जे. एक्ट में भी हो कार्यवाही-पण्ड्या

भीलवाडा  / राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग, के सदस्य डाॅ शैलेन्द्र पण्ड़या ने कहा कि राज्य बाल दुव्र्यापार मुक्त बनें, इसके साथ ही बालश्रम से भी मिुक्ति मिले ऐसे प्रयास किये जा रहे हैं। डाॅ. पण्ड्या शुक्रवार को गजाधर मानसिंहका धर्मशाला में कट्स इंन्टरनेशनल द्वारा कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउण्डेशन (Children's Foundation) एंव गायत्राी सेवा संस्थान, उदयपुर के सयुक्त तत्वाधान में बाल अधिकार संरक्षण (बाल दुव्र्यापार मुक्त राजस्थान) विषय पर जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
 उन्होनेे कहा कि जिला प्रशासन व हितधारक अगर शिकायत पर बाल श्रम को लेकर  कार्यवाही करे तो बालश्रम (child labour) संबंधी शिकायतें काफी कम होगी। बाल श्रम से सम्बधित मामलों में आइ पी सी के अतिरिक्त जे जे एक्ट की धाराओं में भी कार्यवाही हो व हर पुलिस थाने में बाल कल्याण पुलिस अधिकारी नियुक्त हो।
जन संवाद कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (Legal services authority) भीलवाड़ा के सचिव राजीव चैधरी ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा शौषित बच्चियांे के लिए सरकार द्वारा संचालित राजस्थान पीडीत प्रतिकार मुआवजा योजना लागू है। उन्होंने योजना की विस्तृत जानकारी भी प्रदान की।
 गायत्राी सेवा संस्थान उदयपुर की राजकुमारी भार्गव ने इस अवसर पर कहा की यह कार्यक्रम  राजस्थान के 10 जिलों में आयोंजित किया जायेगा, प्रारम्भ भीलवाड़ा जिले से किया गया है।  कार्यक्रम का उद्देश्य बालश्रम एंव शौषण (Exploitation) से पीडीत के साथ चर्चा करना एंव जिन परिस्थितियों में वह बालश्रम का शिकार हुए हैं उन कारणों तक पहॅुचना है।
सीओ सिटी भंवर रणधीर सिंह एवं  सिटी कोतवाली प्रभारी यशदीप भल्ला ने बाल श्रम रेस्क्यू पर जानकारी देते हुए बताया कि मानव तस्करी विराधी इकाई द्वारा जिले में कई बच्चों को रेस्क्यू कर बच्चों को बाल श्रम से मुक्त करवाया गया।
  डॅा सुमन त्रिवेदी, पूर्व बाल कल्याण समिति अध्यक्ष ने भी बाल दुव्र्यापार एवं बाल श्रम पर भीलवाडा जिले की स्थिति बताई एवं बाल कल्याण समिति एवं चाइल्डलाइन (Childline) द्वारा कि गई कार्यवाही पर विस्तार से जानकारी प्रदान की।
कट्स इंन्टरनेषनल के गैारव चतुर्वेद्वी ने कार्यक्रम के उद्देष्य के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का उद्देष्य जिले में बाल दुव्र्यापार को मुक्त करने के लिए जागरूकता करना हैं।  
सहायक निदेशक बाल अधिकारीता विभाग धर्मराज प्रतिहार ने पालनहार योंजना के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम मे  गायत्राी सेवा संस्थान के सहायक निदेशक अदिती उपाध्याय, बाल सुरक्षा नेटवर्क के बी.के गुप्ता, बाल कल्याण समिती सदस्य ड़ाॅ राजेश छापरवाल, फारूख पठान सीमा त्रिवेदी, चन्द्रकला ओझा, किशोर न्याय बोर्ड सदस्य नरेश पारीक, सुनिता सांखला, एनजीओ के प्रतिनिधि, एंव जिले के विभिन्न स्कुलों के 140 बच्चों ने भाग लिया। आभार कट्स के मदन गिरी गौस्वामी ने व्यक्त किया।


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