बांसवाड़ा ।सुभाष नगर प्रोफेसर कॉलोनी स्थित इस्कॉन केन्द्र बांसवाड़ा में 28 जून शनिवार को पहली बार भगवान् योगेश्वर श्री जगन्नाथ रथयात्रा को लेकर प्रह्लाद स्कूल के बच्चों ने उत्साह पूर्वक विश्व आत्मा दास प्रभु और प्रह्लाद स्कूल प्रभारी श्रीमति हिमानी पाठक के नेतृत्व में तैयारियाँ कर विभिन्न सुगन्धित द्रव्यों से भगवान् योगेश्वर श्री जगन्नाथ माता सुभद्रा जी, बलभद्र के विग्रह, रथ को,मुकुट, आरती थाल, सुनहरा झाङू, हार से,महा प्रसाद में 56 भोग में गोपीकाओं को सहयोग दिया।
इस अवसर पर श्रीमति चंद्रकांता वैष्णव की अगुवाई में डिंपल , निखिल , किशोर पंड्या,
अजय , दक्ष , कांता , रतन किशोर पंड्या ओड्रिला मंडल शिल्पा,अक्षी,शाबुनी मंडल,हिमानी पाठक, मीनल , खुशी,अंजलि,कृपाली भट्ट , शुभम , कल्प , काव्य , हमेंद्र , जतिन , सुनील,नेमिष , प्राण नाथ निमाई प्रभु,श्रीमति चंद्रकांता वैष्णव, अनिता, अर्चना और रचना व्यास, विभा , मानव ,अरुण ,अचिंत्य दशरथी प्रभु,अभिनंदन निमाई प्रभु, नीरज पाठक, सुरेश नैमिष निखिल,अजय,रौनक, कुशल ने
गोपीकाओं, साधिकाओं
को सहयोग देते हुए उत्साह पूर्वक सजाया ।
इस्कॉन के आचार्य अभय गौरांग दास प्रभु ने बताया कि श्री जगन्नाथ रथयात्रा का शुभारंभ 28 जून, शनिवार शाम 4 बजे आजाद चौक से प्रारम्भ होगी।
*सुनहरा झाङू से यात्रा मार्ग बुहारेगे*
*21 जगहों पर फूलों से रंगोली, गोपियों द्वारा सुगन्धित द्रव्यों चन्दन से भक्तों को टीका*
यहां से रथयात्रा महालक्ष्मी चौक, बोहरा वाड़ी, नागर वाड़ा चौक, पीपली चौक और गांधी मूर्ति स्थल से होते हुए जवाहर पुल स्थित श्री भैरवा नन्द छतरी(सिद्धनाथ महादेव) पहुंचकर प्रभु के विश्राम के साथ पूर्ण होगी। रथयात्रा समापन पर महाप्रसाद होगा।
*भक्तिभाव के साथ भगवान श्री जगन्नाथ रथयात्रा खींचने का सौभाग्य मिलेगा*
रथयात्रा में गोपी वेश में शामिल साधिकाओं के साथ ही बड़ी संख्या में भक्तगण सम्मिलित होंगे तथा भक्तिभाव के साथ भगवान श्री जगन्नाथ रथयात्रा खींचने का सौभाग्य प्राप्त करेंगे।
रथयात्रा के दौरान् रास्ते भर भगवद्भक्तिमय नृत्य एवं कीर्तन की गूंज आकर्षण का केन्द्र रहेगी।
*101दीपकों से महा आरती,*
*251थालियों में महा भोग*
रथयात्रा के दौरान् शहरवासी भगवान् योगेश्वर श्री जगन्नाथ, सुभद्रा और बलदेव के दर्शन करेंगे तथा विभिन्न स्थानों पर रथयात्रा का भव्य स्वागत किया जाएगा।
*भक्तों की अधिकाधिक भागीदारी के लिए जनसम्पर्क जारी*
साधिका रचना व्यास ने बताया कि श्री जगन्नाथ रथयात्रा को लेकर हर स्तर पर व्यापक तैयारियां पूर्ण हो चुकी है और विभिन्न व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए गठित व्यवस्था समितियां लगातार विभिन्न प्रबन्धों को अन्तिम रूप दिया गया।
इस्कॉन के प्रतिनिधियों, साधकों एवं साधिकाओं तथा भक्तों के समूहों की ओर से जनसम्पर्क किया जा रहा है।
उल्लेखनीय हैं कि आज से 8 दिन देश भर में जगन्नाथ रथयात्रा सप्ताह मनाया जाता हैं।
इस्कॉन केन्द्र बांसवाड़ा के साधक प्रह्लाद स्कूल के बच्चों को
आचार्य अभय गौरांग दास प्रभु ने बताया कि भक्त और भगवान योगेश्वर श्री जगन्नाथ जी में अटूट बंधन होता हैं और वे भक्तों की पीड़ा हर कर अपने ऊपर ले लेते है इसीलिए भगवान जगन्नाथ हर साल 15 दिनों के लिए बीमार पड़ते हैं?
उन्होंने कहा कि जब रथ यात्रा से पहले ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन शुद्धि के लिए भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा जी को स्नान मंडप में लाकर 108 कलशों से विशेष रूप से अभिषेक किया जाता है इसे स्नान यात्रा कहा जाता है।
इस महाभिषेक के बाद माना जाता है कि भगवान को सर्दी-ज़ुकाम या बुखार जैसा रोग लग जाता है ।
फिर क्या होता है?इसके बाद भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन 15 दिनों के लिए आम दर्शन से ओझल हो जाते हैं।
*भगवान बीमार,आराम करते, अनवसर*
इस अवधि को अनवसर कहा जाता है यानी जब भगवान बीमार होते हैं और आराम करते हैं।
*नृसिंह चिकित्सालय में औषधीय काढ़ा पिलाया जाता*
उन्हें नृसिंह चिकित्सालय में रखा जाता है, जहां वैद्य उनकी सेवा करते हैं और औषधीय काढ़ा दिया जाता है।
इस दौरान क्या दर्शनीय होता है?
इस समय भक्त भगवान के दर्शन नहीं कर पाते, लेकिन सभी को यह याद दिलाया जाता है कि भगवान भी हमारी तरह भावनाओं और स्थितियों से जुड़ते हैं वे भी लीला त्मक रूप में बीमार पड़ते हैं।
15 दिन बाद क्या होता है?
*नवयौवन रूप में प्रकट*
15 दिन बाद भगवान स्वस्थ होकर नवयौवन रूप में प्रकट होते हैं जिसे नव जौवन दर्शन कहते हैं। इसके कुछ ही दिन बाद भव्य रथ यात्रा का आयोजन होता है।
*भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा*
रथ यात्रा का आध्यात्मिक संदेश अत्यंत गहन और प्रेरणादायक है।
यह उत्सव दर्शाता है कि ईश्वर की कृपा सभी भक्तों के लिए समान रूप से उपलब्ध है चाहे वे किसी भी वर्ग या धर्म के हों।
रथ यात्रा में भगवान का मंदिर से बाहर आना प्रतीक है कि वे अपने भक्तों के करीब हैं और उनकी भक्ति को स्वीकार करते हैं।
रथ का खींचना जीवन की आध्यात्मिक यात्रा को दर्शाता है, जो आत्मा को भौतिक बंधनों से मुक्त कर ईश्वर की ओर ले जाती है।
लाखों भक्तों का एक साथ रथ खींचना सामूहिक भक्ति, एकता, और सहयोग की शक्ति को प्रकट करता है।
यह उत्सव विनम्रता का पाठ पढ़ाता है क्योंकि विश्व के स्वामी साधारण रथ पर सवार होकर भक्तों के बीच आते हैं।
रथ यात्रा जीवन में आनंद और भक्ति के महत्व को भी उजागर करती है।
यह हमें सिखाती है कि सच्चा सुख ईश्वर के प्रति प्रेम और समर्पण में निहित है।
इस्कॉन बांसवाड़ा ने सर्व समाज सेवीयो, सनातनी वैष्णव भक्तों
से भगवान् योगेश्वर श्री जग्गनाथ, सुभद्रा और बलदेव के रथ यात्रा में शामिल हो कर व्यवस्था सुनिश्चित का आव्हान किया है।
*बांसवाड़ा में पहली बार इस्कॉन द्वारा रथयात्रा*
यह पहला मौका है जब इस्कॉन बांसवाड़ा द्वारा शहर में श्री जगन्नाथ रथयात्रा निकाली जा रही है।
रथयात्रा को श्रृद्धा, भक्ति एवं समर्पण के साथ आशातीत सफल बनाने, अधिकाधिक भक्तों की सहभागिता सुनिश्चित करने और यादगार एवं आकर्षक रथयात्रा को लेकर इस्कॉन दिन-रात तैयारियों में जुटा हुआ है।