बांसवाड़ा\ जिले की समृद्ध नैसर्गिक संपदा में पाए जाने वाले स्थानीय और प्रवासी परिंदों की जानकारी को जन-जन तक पहुंचाने और इसके माध्यम से बांसवाड़ा को पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने की दृष्टि से जिला पर्यटन उन्नयन समिति व वागड़ नेचर क्लब के ‘एक्सप्लोरिंग बर्ड्स इन बांसवाड़ा’ कार्यक्रम के तहत रविवार को तलवाड़ा के पातेला तालाब पर बर्डवॉचिंग की गई और पक्षियों से संबंधित जानकारियां संकलित की।
तलवाड़ा तालाब पर क्लब के वरिष्ठ सदस्य व नगर स्कूल के प्राचार्य सुशील जैन, जनसंपर्क उपनिदेशक कमलेश शर्मा, पक्षीप्रेमी भंवरलाल गर्ग, वैभव शर्मा वैभव शर्मा व जय शर्मा के दल ने आज दिनभर बर्डवॉचिंग के साथ पक्षियों के बारे में जानकारियां संकलित की। यहां पर दस हजार से अधिक की संख्या में पक्षियों की जलक्रीड़ाएं देखकर दल सदस्य अभिभूत नज़र आए। इसके साथ ही इन स्थानों पर पाई जाने वाली प्रजातियों की फोटोग्राफी भी की गई।
रेड मुनिया और सुर्खाब भी मौजूद:
तलवाड़ा तालाब पर बर्डवॉचिंग करने पहुंचे सदस्यों ने नन्हीं लाल परी रेड मुनिया को भी देखा और उसकी फोटोग्राफी की। सिल्वर बिल और फिमेल रेड मुनिया के समूह के साथ रेड मुनिया मुख्य तालाब की पाल पर सरकंडों पर विचरण करती हुई दिखाई दी। इसी प्रकार अपने सौंदर्य के कारण प्रसिद्ध सुर्खाब (रडीशलडक) पक्षी का भी एक जोड़ा यहां पर देखा गया।
स्थानीय और प्रवासी परिंदों की जलक्रीड़ाएं देखी:
बर्डवॉचिंग दौरान दल सदस्यों ने बड़ी संख्या में प्रवासी व स्थानीय पक्षियों की जलक्रीड़ाएं देखी। इस दौरान साइबेरिया व सेंट्रल यूरोप से आने वाले प्रवासी पक्षी गेडवाल, सेंट्रल यूरोप, कजाकिस्तान से आने वाले कॉमन पोचार्ड भी काफी संख्या में दिखाई दिए। इस तालाब पर स्थानीय पक्षी कॉम्ब डक, स्पॉटबिल डक, कॉटन पिग्मी गूज, स्पॉट बिल डक, कूट्स, मुरहैन, किंगफिशर, ब्रोंज विग्ड जैकाना, डबचिक, परपल सनबर्ड, कॉमन हॉक कूक्कू और अन्य पक्षी भी दिखाई दिये।
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