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दशा-दिशा माणिक्यलाल वर्मा उद्यान की
उदयपुर(प्रेसनोट.इन) । वतन पर मरने वालों का रहेगा बस बाकी निशान - यह कहावत आज भी चरितार्थ होती है। आजादी के परवानों और नामचीन राजनेताओं, समाजसेवियों के नाम पर सरकारें पार्क, आदमकद मूर्तियों को लगाकर इतिश्री कर लेती है। होना यह चाहिये की उनकी लगायी गयी प्रतिमाओं का सम्मान हो, नियमित नही तो सप्ताह अथवा माह में एक बार साज-संभाल हो ।
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