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.....तो हम व्यापारी मोबाईल से लेनदेन क्यों नहीं कर सकते ः हंसराज चौधरी

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27 Apr 17
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.....तो हम व्यापारी मोबाईल से लेनदेन क्यों नहीं कर सकते ः हंसराज चौधरी गृहणियां और बुजुर्ग मोबाईल पर व्हाट्सअप चला सकते हैं तो हम व्यापारी मोबाईल से लेनदेन क्यों नहीं कर सकते ः हंसराज चौधरी
डिजीटल लेनदेन पर प्रषिक्षण हेतु यूसीसीआई में राज्यस्तरीय कार्यषाला
’’घर या दुकान में तिजोरी नहीं, सिक्योरिटी गार्ड नही और चोरी का डर नहीं। जेब में पर्स नहीं तो जेब कटने का डर भी नहीं। खरीददारी करते समय सिर्फ एक मोबाईल हाथ में। क्या कोई कह सकता है कि डिजिटल लेनदेन में कोई नुकसान है।‘‘
उपरोक्त विचार श्री हंसराज चौधरी ने यूसीसीआई में व्यक्त किये।
भारत सरकार के इलेक्ट्राॅनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा व्यवसायियों को डिजिटल भुगतान पर प्रषिक्षण प्रदान करने के लिये राज्यस्तरीय कार्यषाला एवं डिजी कैम्प का आयोजन उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के पी.पी. सिंघल ऑडिटोरियम में किया गया। कार्यषाला में बडी संख्या में उपस्थित उद्यमियों एवं व्यापारियों को इलेक्ट्राॅनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के विषेशज्ञों द्वारा व्यावसायिक लेनदेन केषलेस माध्यम से करने के तकनीकी पहलुओं के बारे में प्रषिक्षण प्रदान किया गया।
कार्यषाला के उदघाटन सत्र के दौरान यूसीसीआई के वरिश्ठ उपाध्यक्ष श्री हंसराज चौधरी ने मोबाईल को एक उपयोगी उपकरण बताते हुए व्यवसायियों से डिजिटल लेनदेन इसके माध्यम से किये जाने का आव्हान किया। डिजिटल लेनदेन के लिये मोबाईल में पासवर्ड के बजाय फिंगर प्रिंट के इस्तेमाल करने से यह पूर्ण रूप से सुरक्षित है तथा विभिन्न कैषबैक योजनाओं का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स, उदयपुर चेप्टर के चेयरमैन श्री एम.के. माथुर ने पष्चिमी देषों का उदाहरण देते हुए बताया कि देष में डिजीटल अर्थव्यवस्था के चलन से लाईसेन्स का नवीनीकरण जैसी प्रक्रियाएं घर बैठे सम्पन्न की जा सकती है।
कलडवास चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के पूर्वाध्यक्ष श्री मनोज जोषी ने व्यापारियों से बदलते समय के अनुरूप स्वयं को और अपने व्यापार को बदलने का आव्हान किया। श्री जोषी ने कहा कि कानून व्यवस्था के नाम पर प्रषासन द्वारा कई दिन तक इन्टरनेट बन्द करने से डिजीटल इण्डिया का सपना, एक सपना बनकर ही रह जायेगा।
कॉन्फीडरेषन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राश्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री के.एस. मोगरा ने व्यापार में महिलाओं की भूमिका बढाने तथा डिजिटल लेनदेन के लिये महिलाओं को प्रषिक्षित किये जाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक ३३ हजार करोड रुपये सालाना नये नोट छापने हेतु खर्च करता है। श्री मोगरा ने व्यापारियों की कैष हैण्डलिंग लागत एवं ट्रांजेक्षन लागत को कम करने में डिजिटल लेनदेन को आवष्यक बताया।
मानद महासचिव श्री जतिन नागौरी ने यूसीसीआई द्वारा जीएसटी के संदर्भ में उद्यमियों एवं व्यापारियों को डिजिटल लेनदेन से जोडने के लिये प्रषिक्षण और प्रचार-प्रसार किये जाने की योजनाओं की जानकारी दी।
इलेक्ट्राॅनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वैज्ञानिक श्री रामाराव देषपाण्डे ने सरकार की डिजिटल लेनदेन योजना के तकनीकी पहलुओं पर प्रकाष डाला।
इलेक्ट्राॅनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के उपनिदेषक श्री सन्दीप कुमार ने जानकारी दी कि इलेक्ट्राॅनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का पाली में एक और केन्द्र इस वर्श अगस्त माह मं षुरु होगा।
तकनिकी सत्र के दौरान इलेक्ट्राॅनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के विशय विषेशज्ञों द्वारा डिजीटल लेनदेन के विभिन्न तरीकों के बारे में प्रतिभागियों को प्रषिक्षण प्रदान किया गया।
कार्यक्रम के अन्त में डॉ. अषोक जेतावत ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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