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बेटा हो या बेटी परवरिश में कोई अंतर ना हो ः जस्टिस अनुपमा बिजलानी

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13 Jun 17
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बेटा हो या बेटी परवरिश में कोई अंतर ना हो ः जस्टिस अनुपमा बिजलानी उदयपुर। जीबीएच अमेरिकन हॉस्पीटल में रविवार को एंटीनेंटल पर सेमिनार हुआ। इसमें अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनुपमा बिजलानी ने कहा कि बेटा हो या बेटी हो, माता-पिता खुश होंगे तो सभी के लिए खुशी होगी। इसलिए बेटा या बेटी उनकी परवरिश में कोई अंतर नहीं होना चाहिए। इस खुशी के मौके पर दर्द रहित प्रसव वरदान साबित हुआ है।
ग्रुप डायरेक्टर डॉ. आनंद झा ने बताया कि जस्टिस बिजलानी एंटीनेंटल सेमिनार को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थी। उन्होंने स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की ओर से प्रकाशित पुस्तक प्रेगनेंसी ः गर्भावस्था संक्षेप में का विमोचन किया। कार्यक्रम में स्त्री एवं प्रसूति रोग से डॉ. शिल्पा गोयल ने दर्द रहित प्रसव के लिए होने वाली प्रकि्रया और गर्भावस्था के दौरान किए जाने वाले व्यायाम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह विधि अब रूटिन में काम ली जाने लगी है। नव प्रकाशित पुस्तक में गर्भावस्था के दौरान रखने वाली सावधानियां, बच्चे की परवरिश के बारे में बताया। डॉ. भव्या आमेटा ने एंटीनेंटल के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में बतौर अतिथि डायरेक्टर डॉ. सुरभि पोरवाल ने कहा कि घर में नए मेहमान के आगमन की खुशी में दर्द की जरूरत नहीं है। दर्द रहित प्रसव से नए मेहमान का स्वागत करना चाहिए। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज अग्रवाल ने स्वस्थ शिशु और बच्चे की परवरिश के बारे में बताया। ब्रांडिंग हैड राकेश चौधरी ने शुरूआत में अतिथियों का स्वागत किया और स्मृति चिन्ह भेंट किया। अंत में धन्यवाद की रस्म डॉ. नवीन गोयल ने अदा की।


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