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जीवन में भावों को दें महत्व, स्वतः अच्छा होगा

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23 Jan 17
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जीवन में भावों को दें महत्व, स्वतः अच्छा होगा उदयपुर भारतीय जैन संघटना की नवगठित राष्ट्रीय कार्यसमिति की पहली दो दिवसीय बैठक के समापन से पूर्व संघटना के उदयपुर चैप्टर की ओर से आयोजित स्वागत समारोह में संघटना के राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने कहा कि जीवन में सारा खेल सिर्फ भावों का है। पैसा कमाने वाला पुण्य कमाए या नहीं लेकिन पुण्य कमाने वाला अवश्य पैसा कमाता है। अपनी सिर्फ सोच से व्यक्ति चीजों को बडी कर सकता है। कंसेप्ट को समझ कर उसे मल्टीप्लाई करना ही आज की सफलता है। अतिथि के रूप् में महापौर चन्द्रसिंह कोठारी ने शिरकत की।
संघटना के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रफुल्ल पारीक ने कहा कि समय बदलाव का है, बदलें समय के साथ। हम छोटे छोटे कामों से सामाजिक स्तर पर संतुष्ट न हो जाएं बल्कि अपने कामों को बडे स्तर तक ले जाकर सम्पूर्ण बदलाव लाएं। आज का युग स्मार्ट तरीके से काम करने का है। काम को मल्टीप्लाई करने का है। जिस तरह अपने व्यापार को आधुनिक तकनीक के साथ जोडकर काम करते हैं ठीक उसी तरह सामाजिक क्षेत्र के कामों को भी आधुनिक रूप् से जोडें और स्मार्ट तरीके से काम करें।
पारीक ने बताया कि किस तरह देश भर के स्कूलों में काम किया जा सकता है। महाराष्ट्र सरकार को संघटना ने एक प्रस्ताव दिया जिसमें स्मार्ट गर्ल मॉड्यूल लागू किया जाए। सरकार के विशेषज्ञों ने हमारे मॉड्यूल को प्रेक्टिकल देखा और इसे एक पूरे जिले में लागू करने को कहा। हमने पहले शिक्षा विभाग से ७२ मास्टर ट्रेनर तैयार किए। एक एक मास्टर ट्रेनर से ३०-४० ट्रेनर तैयार करने को कहा। अगले फरवरी माह में पूरे अहमदनगर जिले के सभी ९०३ स्कूलों में स्मार्ट गर्ल मॉड्यूल लागू हो जाएगा।
इसी प्रकार पानी फाउंडेशन के साथ मिलकर महाराष्ट्र के अकालग्रस्त गांवों में काम कर आने वाले मात्र छह माह में हम ३००० गांवों को अकालमुक्त कर देंगे। यह सिर्फ घोषणा नहीं है बल्कि काम पूरे जोर शोर से चल रहा है।
संघटना के राष्ट्रीय महामंत्री राजेन्द्र लुंकड ने कहा कि बिना दया, बिना भाव के कोई धर्म हो ही नहीं सकता। अपना अहम छोडें। मैं को छोडकर काम करेंगे तो ही महान बन सकेंगे। दान, दया, परोपकार के शिष्य हैं। कामना मत करो कि राज्य, संपत्ति या सत्ता मिले, ये तो अर्जित पुण्यों के प्रतिफल से मिलेंगे। आपकी जिनको जरूरत है, उनके लिए काम करें। मन में निर्मलता रहे तो काम स्वतः हो जाते हैं।
महापौर कोठारी ने कहा कि जैन समाज में जन्म लिया है तो उससे उऋण होने के लिए क्या कर सकते हैं, उस पर विचार करें। प्रत्येक व्यक्ति सभी जगह नहीं जा सकता लेकिन बिना जुडे काम भी नहीं हो सकता।
उदयपुर चैप्टर के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने कहा कि देश में एकमात्र संगठन है जिसके कार्यकर्ताओं में समर्पण है। जन हो या जैन समाज जहां जेब से खर्च करके भी सेवा के लिए जाते हैं। १३ माह के संक्षिप्त कार्यकाल में बहुत कुछ सीखने को मिला है। इस दौरान राज्य कार्यकारिणी के साथ राष्ट्रीय कार्यसमिति की मीटिंग भी उदयपुर को मिली। बिजनेस डवलपमेंट के सेमिनार हों या अल्पसंख्यक जागरूकता सम्बन्धी। हर क्षेत्र में संघटना ने उदयपुर में अपनी छाप छोडी है। पूरे राजस्थान से राष्ट्रीय कार्यसमिति में एकमात्र सदस्य के रूप् में मेरा चयन किया गया, जिसके लिए तहेदिल से आभार।
इससे पूर्व तेरह माह के कार्यकाल में उदयपुर चैप्टर द्वारा किए गए कामों का पावरपाइंट प्रजेन्टेशन प्रस्तुत किया गया जिसे काफी सराहा गया। आभार उदयपुर चैप्टर के महामंत्री अभिषेक संचेती ने किया। संचालन महेन्द्र तलेसरा ने किया। कार्यक्रम के अंत में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के कलाकारों ने राजस्थानी लोक नृत्य प्रस्तुत किए।

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