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राजस्थान पर्यटन विकास निगम और ओला में साझेदारी

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22 Sep 17
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राजस्थान पर्यटन विकास निगम और ओला में साझेदारी
उदयपुर। इस साल के विश्व पर्यटन दिवस के लिए संयुक्त राष्ट्र की थीम के मद्देनजर भारत में परिवहन के लिए सबसे लोकप्रिय मोबाइल ऐप ओला तथा राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) ने पर्यटन के बारे में जागरुकता बढाने के लिए एक दूसरे के साथ हाथ मिलाए हैं। आरटीडीसी के अलावा ओला देश के कुछ अन्य बडे राज्यों जैसे आन्ध्रप्रदेश, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात और आसाम के पर्यटन निगमों के साथ भी मिलकर इस दिशा में काम कर रही है। पर्यटन माह के दौरान ओला ने 12 दिवसीय अभियान की शुरूआत की है, जिसके साथ प्रसिद्ध अभिनेत्री एवं ट्रैवल व्लॉगर शहनाज ट्रेजरी जुडी हुई है। यइ अभियान इंटर-सिटी यात्रा के लिए ओला के स्मार्ट मोबिलिटी समाधान ओला आउटस्टेशन का इस्तेमाल करते हुए 7 राज्यों और 21 कम प्रसिद्ध क्षेत्रों से होकर गुजरेगा।
राजस्थान पर्यटन के संयुक्त निदेशक (मार्केटिंग) आनंद त्रिपाठी ने कहा कि हर पर्यटक को राजस्थान घूमना पसंद है। राज्य में कई प्रसिद्ध किले, महल, झीलें तथा प्राकृतिक एवं कृत्रिम नजारे हैं और कई ऐसे स्थान भी हैं जिन्हें लोग कम जानते हैं। हमें खुशी है कि ओला ने इन स्थानों की इंटर एवं इंटरा सिटी यात्रा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए राजस्थान पर्यटन के साथ हाथ मिलाए हैं और पर्यटन अनुकूल गंतव्य के रूप में राजस्थान की स्थिति को और अधिक सशक्त बना दिया है। विराटनगर और सामोद जैसे पर्यटन स्थल अपने आप में दर्शनीय हैं और ओला पर्यटकों को इन स्थानों तक पहुंचने में मदद कर रही है।
ओला में वीपी-ऑपरेशन्स विजय घाडगे ने कहा कि राजस्थान ओला के लिए प्रमुख बाजारों में से एक है और पर्यटकों में राज्य की लकप्रियता यहां पर्यटन के विकास की अपार सम्भावनाएं पैदा करती है। हमें खुशी है कि आरटीडीसी ने हमारे प्रयासों को पहचाना और हमारे स्मार्ट इंटर-सिटी यात्रा समधान ओला आउटस्टेशन के माध्यम से राज्य में पर्यटन को बढावा देने की इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए हमें चुना है।
अभिनेत्री और ट्रैवल व्लॉगर शहनाज ट्रेजरी ने कहा कि मैंने कई देशों और महाद्वीपों की यात्रा की है, लेकिन मेरे मन में भारत के लिए खास जगह है। भारत के हर राज्य के पास कुछ अलग और अनूठे पर्यटन स्थल हैं। यात्रा प्रेमी होने के नाते मेरा मानना है कि देश की सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक धरोहर का संरक्षण बेहद महत्वपूर्ण है जो आज एक खतरे के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में हम सभी पर्यटकों को सुनिश्चित करना होगा कि हम पूरी सजगता और जिम्मेदारी के साथ यात्रा करें और इन सांस्कृतिक पर्यटन स्थलों के प्रति सम्मान बनाए रखें। इन स्थानों पर गंदगी न फैलाने से लेकर और भी बहुत कुछ है जो हम अपने देश की सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के लिए कर सकते हैं।






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