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बदल जाएगी आपकी जिंदगी

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27 May 15
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शादीशुदा जिंदगी के बारे में हमारे ख्याल अमूमन बेहद रुमानी होते हैं। पर, असलियत सिर्फ यही नहीं है। शादी अपने साथ ढेरों बदलाव भी लाती है। खुशहाल जिंदगी के लिए जरूरी है कि आप असलियत को स्वीकारें और उसी के अनुरूप अपेक्षाएं भी रखें। बता रही हैं शाश्वती

शादी किसी दवा से कम नहीं। जिंदगी से अकेलापन गायब हो जाता है और खुशियों को अपना नया ठिकाना मिल जाता है। पर जैसे किसी भी दवा के साइड इफेक्ट्स होते हैं, ठीक वैसे ही शादीशुदा जिंदगी के भी कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैं। कमरा और बिस्तर शेयर करने से लेकर ढेरों जिम्मेदारियां और अपेक्षाएं ये सब कुछ शादी के साथ जुड़ जाती हैं। आपकी जिंदगी अब सिर्फ आपकी नहीं रही, उसके साथ एक और व्यक्ति जुड़ गया है, बस यही बात आपकी जिंदगी को बदल डालने के लिए काफी है। बदलाव और जिम्मेदारियां इस नई जिंदगी का हिस्सा बन जाती हैं। शादी के बाद जिंदगी कैसे बदलती है, आइए जानें:

अब नहीं मिलेगा अपने लिए वक्त
शादी शेयरिंग का दूसरा नाम है। खुशियां, वॉर्डरोब, राज, खाना और यहां तक कि समय, शादी के बाद आपको अपने साथी के साथ यह सब कुछ शेयर करने के लिए पहले से आप दोनों को तैयार रहना होगा। यह एक अच्छी बात है, पर यह बात तय मानिए कि आपको कभी-कभी कुछ वक्त अकेले बिताने के लिए भी तरसना पड़ेगा। उन दिनों की कमी खूब खलेगी, जब आप चुपचाप टीवी के सामने बैठकर अपना मनपसंद प्रोग्राम देखा करती थीं या फिर दोस्तों के साथ दिन भर शॉपिंग किया करती थीं।

बढ़ेगा आपका वजन
शादी के दिन खूबसूरत और फिट दिखने के लिए आपने खूब मेहनत की होगी। जिम जाने से लेकर वजन घटाने के लिए पड़ोस वाली आंटी की सलाह तक मानी होगी। पर, क्या आप जानती हैं कि शादी के बाद आपकी इस सारी मेहनत पर पानी फिरने वाला है। शादी के बाद आपको अपने सभी रिश्तेदारों और दोस्तों से घर पर खाने के लिए आने का न्योता जरूर मिलेगा। शादी के बाद आप ज्यादा खुश रहेंगी और उस खुशी में थोड़ा ज्यादा खा लेंगी या फिर अपने साथी के मान-मनौवल पर कुछ ज्यादा खा लेंगी। इस सबका असर धीरे-धीरे आप दोनों की सेहत पर नजर आने लगेगा। और सबसे जरूरी बात, शादीशुदा जोड़े अपनी नई जिंदगी को संभालने और संवारने में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि उन्हें एक्सरसाइज करने के लिए वक्त ही नहीं मिल पाता है।

फ्रेशनेस गायब, थकान हावी
शादी से पहले आपके खाली वक्त का पलड़ा हमेशा ऊपर रहता था और जिम्मेदारियों वाला हमेशा नीचे। पर अब स्थितियां पूरी तरह से उल्टी हो चुकी हैं। अब अगर आप देर रात किसी के यहां से लौटी हैं तो आपको अगली सुबह उठकर घर के कामकाज और सुबह के नाश्ते की चिंता भी करनी होगी। आप पर जिम्मेदारियों का बोझ अचानक से बढ़ जाएगा और अगर आप अपनी जिम्मेदारियों और सेहत के बीच सामंजस्य नहीं बिठा पाएंगी तो तय है कि जल्द ही आपके चेहरे पर फ्रेशनेस की जगह थकान आ बैठेगी।

बातों में ‘हम’ होगा सबसे पहले
अब आपकी बातों में ‘मैं’ कम और ‘हम’ ज्यादा होगा। आपका सोचने का दायरा और जिंदगी को जीने का नजरिया दोनों बदल जाएगा। धीरे-धीरे ही सही, पर शादी के बाद छोटी-छोटी चीजों पर परेशान होने की जगह आप उसके बड़े फायदे के बारे में सोचना शुरू कर देंगी। जैसी ही एक दूसरा और सबसे खास व्यक्ति आपकी जिंदगी में प्रवेश करेगा, आप उसकी जरूरतों और खुशियों के मुताबिक सामंजस्य बिठाना शुरू कर देंगी। यह नई जिंदगी कुछ ही वक्त में आपको दूसरे के बारे में सोचना सिखा जाएगी और आपको कम स्वार्थी बना जाएगी।

आप बन जाएंगी व्यावहारिक
वो दिन गए, जब आप इस एटिट्यूड के साथ जिंदगी जीती थीं कि कोई मेरे बारे में क्या सोचता है, उससे क्या फर्क पड़ता है। शादी के बाद आपको सिर्फ एक रिश्ता ही नहीं, कई रिश्तों को एक साथ सींचना सीखना होता है। यकीन मानिए, धीरे-धीरे आप अपने इन नए रिश्तों को सहेजने में एक्सपर्ट हो जाएंगी। स्थिति के मुताबिक आप खुद को ढालना सीख जाएंगी।

आप सीख जाएंगी धर्य रखना
बात-बात में गुस्सा होना, बात-बात में सामने वाले से बातचीत बंद कर देना...शादी से पहले भले ही आपके इस स्वभाव से आपकी जिंदगी पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता था। पर शादी के बाद स्थितियां ऐसी नहीं रहने वालीं। अपनी जिंदगी से तनाव को दूर रखने के लिए आप धीरे-धीरे धैर्य रखना सीख जाएंगी। बात-बात में गुस्सा करना बंद कर देंगी, क्योंकि इससे अब आपके साथी की जिंदगी भी प्रभावित होने लगेगी। आप एक अच्छी श्रोता बन जाएंगी।
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