उदयपुर केवल ज्ञान व् हुनर से ही सामाजिक एवं व्यावसायिक जीवन में सफलता प्राप्त नहीं होती। सफलता प्राप्त करने और सफलता के शिखर पर टिके रहने के लिए रवैया अच्छा होना , एटिट्यूड पॉजिटिव होना प्रमुख एवं प्राथमिक आवश्यकता है। यह विचार पूर्व जल सेना अधिकारी एवं लेखक, वक्ता कमांडर प्रताप सिंह मेहता ने गुरुवार को विद्या भवन पॉलीटेक्निक में " एक्सीलेंस इज नॉट स्किल, ईट इज एन एटिट्यूड " विषयक कार्यशाला में व्यक्त किये।
मेहता ने कहा कि व्यक्ति में बहुत काबिलियत हो , बहुत ज्ञान हो लेकिन उसमे व्यहवारगत कुशलता, संवेदनाये, परस्पर संवाद के कौशल,जागरूकता, जिम्मेदारी भाव और रचनात्मक द्रष्टीकोण जैसे एटिट्यूड निर्मित करने वाले गुण नहीं है तो वो सतत व् उत्तरोत्तर सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। मेहता ने कहा कि उत्कृष्टता दक्षता से नहीं वरन व्यक्ति के रवैय्ये , एटिट्यूड से आती है.।
कमांडर मेहता ने ‘’डेवलपिंग अफेक्टिव् डोमेन अमंग स्टूडेंट्स’’ विषय को विस्तार देते हुए कहा कि कार्यशाला में बोलते हुए कमांडर मेहता ने कहा सही एटीट्यूट ही अर्जित ज्ञान और दक्षता को आधार प्रदान करता है। उन्होंने एटीट्यूट को आई क्यू से ज्यादा महत्व देते हुए बताया कि निराशा और निष्क्रियता को त्याग कर जुनूनी प्रवृत्ति अपनानी चाहिए।
शिक्षण में अफेक्टिव डोमेन की उपयोगिता को रेखांकित करते हुए कमांडर मेहता ने कहा कि शिक्षक इसके माध्यम से विद्यार्थियों के व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते है. इसीलिए प्रत्येक शिक्षक को अपने हर विद्यार्थी को आगे लाने के लिए उसके समग्र विकास और प्रदर्शन पर बल देना चाहिए।
प्रारम्भ में प्राचार्य डॉ अनिल मेहता ने कार्यशाला के विषय पर प्रकाश डाला. विद्या भवन स्कूल के प्रबंधक कर्नल भूपिंदर सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया.
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