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और अब दादी फरीदा जलाल

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18 Mar 15
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सालों से फिल्मों में मां का किरदार निभाती रहीं फरीदा जलाल को अब दादी की भूमिकाएं मिलने लगी हैं लेकिन प्रसिद्ध अभिनेत्री का कहना है कि उनमें कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण किरदार निभाने की क्षमता है। ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘दिल तो पागल है’ और ‘कुछ कुछ होता है’ जैसी फिल्मों में काम कर चुकीं वरिष्ठ अभिनेत्री ने कहा कि उन्हें लगता है कि उन्हें फिल्मी कैरियर में कभी भी प्रयोग करने का मौका नहीं मिला।

फरीदा कहती हैं कि एक जैसे किरदार निभाना मुश्किल होता है। मुझे मांओं के किरदार मिलते रहे और अब दादी के किरदार मिल रहे हैं। एक मां बहुत कुछ हो सकती है जैसे कि एक डॉक्टर और एक शिक्षक लेकिन मुझे ऐसे किरदार कभी नहीं मिले। यह निराशाजनक है, मुझे जो काम मिल रहा है मैं उससे कहीं ज्यादा कुछ कर सकती हूं। फरीदा आखिरी बार ‘स्टूडेंट ऑफ दि ईयर’ फिल्म में दिखायी दी थीं जिसमें उन्होंने अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा की दादी का किरदार निभाया था। वह अब छोटे पर्दे पर ‘सतरंगी ससुराल’ धारावाहिक में नजर आएंगी।

14 मार्च 1949 को जन्मीं फरीदा जलाल की शादी तरबेज बारमावर से हुई और उनकी एक संतान यासीन जलाल है। फरीदा का शुरुआती जीवन दिल्ली में बीता और यहां एक फिल्म कंपनी की ओर से 60 के दशक में कराये गये टैलेंट हंट प्रतियोगिता को जीतकर उन्होंने फिल्मी दुनिया में कदम रखा। जिस समय फरीदा ने बॉलीवुड में आने का निर्णय किया उस समय इस पेशे को अच्छी निगाह से नहीं देखा जाता था। लेकिन फरीदा का मन चूंकि बचपन से ही अभिनय में रमा था इसलिए उन्होंने किसी की परवाह नहीं की और पकड़ ली मुंबई की राह।

फरीदा अच्छी अभिनेत्री होने के बावजूद कभी भी मुख्य भूमिका में नहीं देखी गईं। उन्हें हमेशा सहायक अभिनेत्री की ही भूमिका मिली। इन भूमिकाओं में 'बॉबी' और 'आराधना' में निभाई उनकी भूमिका आज भी याद की जाती है। फरीदा साठ के दशक से ही बॉलीवुड में सक्रिय हैं और इस दौरान उन्होंने 1983 से 1990 के बीच ही काम से ब्रेक लिया और उसके बाद फिर से बॉलीवुड में अपनी पारी शुरू की। इस दौरान उन्हें सिर्फ मां ही नहीं दादी, नानी के रोल भी खूब मिले जिन्हें फरीदा ने बहुत ही बेहतरीन ढंग से निभा कर दर्शकों की तारीफें बटोरीं।

90 के दशक में जब फरीदा फिल्मों में पुनः सक्रिय हुईं तो उस दौरान उन्होंने राजा हिन्दुस्तानी, कुछ कुछ होता है, दिल तो पागल है, कहो ना प्यार है, कभी खुशी कभी गम, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे जैसी सफल फिल्मों में काम किया जिनके लिए उन्हें फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार भी मिला। फरीदा फिल्मों के अलावा टीवी पर भी काफी सक्रिय हैं। उन्होंने लोकप्रिय टीवी धारावाहिक देख भाई देख में भी काम किया। इसके अलावा 2005 में फरीदा ने सैफ अली खान और सोनाली बेंद्रे के साथ फिल्मफेयर पुरस्कार समारोह का संचालन भी किया। फरीदा ने एक पंजाबी फिल्म यारियां में भी काम किया है साथ ही वह लोकप्रिय टीवी धारावाहिक बालिका वधू में भी दिखाई दीं।
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