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जिसमें ज्ञान, वही बडाः मानव

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15 Nov 17
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उदयपुर, सत्संग उसी मनुष्य का सार्थक होता है,जिसके मन में सच्चे भाव हो । मनुष्य धन एवं आयु से बडा नहीं होता बल्कि ज्ञान से बडा कहलाता है। मनुष्य को थोडा सा भी सत्संग मिल जाए तो जीवन ही सफल हो जाता है। यह बात बुधवार को नारायण सेवा संस्थान के संस्थापक कैलाश मानव ने ‘अपनों से अपनी बात’ कार्यऋम में कही। उन्होंने निःशुल्क ऑपरेशन के लिए आए पूर्व पोलियोग्रस्त बच्चों से कहा कि आत्म विश्वास सबसे बडी पूंजी है, उसे हमेशा सहेज कर रखें।
अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि कोई बडी बात कहना बहुत आसान है लेकिन वैसा कार्य करना या उस पर अमल करना बहुत कठिन है। आज के युग में बोलने वाले तो बहुत मिल जाते हैं लेकिन उस पर अमल करने वाले कम ही मिलते हैं। खुद को जानने के लिए ध्यान जरुरी है। ध्यान से ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति होती है। उन्होने कहा कि ध्यान से तनाव के क्षणों में भी शांत रहा जा सकता है और आचरण पर भी नियंत्रण रख सकते हैं। कार्यऋम का सीधा प्रसारण संस्कार चैनल पर किया गया। संचालन ओमपाल सीलन ने किया।


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