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नोटबंदी से नहीं पूरी हुई उम्मीदें : मूंदड़ा

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13 Sep 17
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भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर एसएस मुंदड़ा ने कहा कि नोटबंदी के बाद बंद नोटों का एक अच्छा खासा हिस्सा पण्राली में वापस नहीं आने की उम्मीद थी, लेकिन यह पूरी नहीं हुई।
मुंदड़ा ने यहां बंगाल चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री की सालाना आम बैठक के मौके पर संवाददाताओं से अलग से बातचीत में कहा, पहले यह उम्मीद थी कि नोटबंदी के बाद अच्छी खासी संख्या में नकदी पण्राली में वापस नहीं लौटेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।केंद्रीय बैंक ने 30 अगस्त को बताया कि 500 और 1000 के बंद नोटों में से 99 प्रतिशत बैंकिंग पण्राली में वापस आ गए हैं। नोटबंदी की घोषणा पिछले साल नवंबर में की गई थी।
मुंदड़ा ने हालांकि, कहा कि अच्छी बात यह है कि पैसा वित्तीय पण्राली में वापस लौटा है और इससे बड़ी संख्या में आंकड़ों का भी सृजन हुआ है जो उपयोगी होगा।नोटबंदी के पीछे वजह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस प्रक्रि या की मंशा पहली बार नहीं थी और यह आखिरी बार भी नहीं है। सवाल इसके तरीके पर है।
यह पूछे जाने पर कि नोटबंदी से छोटे समय के लिए हुई परेशानी इसके लंबे समय के लाभ पर भारी पड़ेगी, मुंदड़ा ने कहा कि यह समय ही बताएगा।उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक को इसकी तैयारियों के लिए अधिक समय चाहिए था, अधिक तैयारियों के साथ अगर इस योजना को लागू किया जाता तो और बेहतर परिणाम होते। रिजर्व बैंक और अन्य बैंकों ने नोटबंदी की स्थिति से निपटने के लिए अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ काम किया। उन्होंने डिजिटलीकरण, बेहतर कर अनुपालन तथा अधिक संसाधनों की उपलब्धता को नोटबंदी से हासिल सकारात्मक चीजें बताया
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