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सेवा से खुलता है, प्रभु प्राप्ति का मार्ग

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27 Jun 17
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उदयपुर । काल किसी के वश मे नहीं हैं। वह परमात्मा के वश में हैं। भगवान बनने में नहीं प्रभु के सेवक बनने में ज्यादा फायदा हैं। सेवा का काम करने स कभी पीछे नहीं हटना चाहिए, क्योंकि सेवा से ही प्रभु की प्राप्ति का मार्ग खुलता है। परमात्मा के दरबार में नम्रता से जाने से जीवन का कल्याण होता है। यह बात नारायण सेवा संस्थान द्वारा आयोजित दिव्यांगों के सहायतार्थ करनाल ,हरियाणा में चल रही संगीतमय सप्तदिवसीय श्रीमद भागवत कथा के पांचवे दिन मंगलवार को कथा वाचक डॉ.संजय कृश्ण सलिल जी महाराज ने भागवत कथा का वर्णन करते समय व्यक्त किए। उन्होंने सुदामा चरित्र का वृत्तांत सुनाया तथा कहा कि मित्र मिलना आसान है परन्तु मित्रता निभाना मुश्किल होता है। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण संस्कार चैनल पर किया गया। संचालन कुंज बिहारी मिश्रा ने किया।

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