
उदयपुर यहां शिल्पग्राम में आयोजित दस दिवसीय उत्सव के चौथे दिन हाट बाजार में लोगों की आवाजाही में बढात्तरी देखने के साथ ही शिल्प उत्पादों खरीददारी में हाट बाजार ने शिखर की ओर उडान भरनी शुरू की।
खरीददारी करने और कला के नाना रूप देखने के लिये शहर से बडी संख्या में लोग दोपहर से ही शिल्पग्राम पहुंचना प्रारम्भ हो गये तथा शाम को हाट बाजार में जगह-जगह लोगों की खासी चहल कदमी रही। बाजार में सूती वस्त्र, चद्दर, बनारसी साडी, चिकनकारी, एम्ब्रोइडरी, वूलन कारपेट, डेकोरेटिव फ्लॉवर्स, जूट के बैग्स, कृत्रिम आभूषण, वूलन जैकेट, कच्छी शॉल, पट्टू, केन बेम्बू के बने सजावटी सामान की दुकानों पर लोगों की खासी भीड रही तथा लोगों ने मोल भाव कर खरीददारी की।
शिल्पग्राम उत्सव २०१५ में पहली बार शुरू किये गये कार्यक्रम ’’हिवडा री हूक-याने दिल चाहता है में कई युवाओं, बच्चों और कलाकारों ने अपना हूनर दिखाया। वहीं ंसगम सभागार में आयोजित चित्र प्रदर्शनी ’’अभिव्यक्ति‘‘ में प्रदर्शित चित्रों को देखने के लिये बडा संख्या में कलाकार व कला प्रेमी दीर्घा में अवलोकन करते देखे गये। शिल्पग्राम की सम झोंपडी में आयोजित ’’बाल संसार‘‘ में बच्चों का जादू कला लुभा रही है तथा वे जादूगर राजकुमार के साथ जादू सीखते नजर आये वहीं केलिग्राफी कलाकार ज्वाला प्रसाद ने बच्चों को केलिग्राफी तकनीक की जानकारी देते हुए अलग-अलग स्टाइल से अक्षर मांडना सिखाया। हाट बाजार में ही खान-पान की दूकानों पर लोगों ने सपरिजन विभिन्न व्यंजन चखे।