हिंसक हो चुके गुर्जर आंदोलन के बीच गुर्जर नेताओं ने अपनी रणनीति में बदलाव कर लिया है। वे राज्य सरकार के आमंत्रण पर जयपुर आने को तैयार हो गए हैं। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी बैसला के साथ अन्य नेताओं ने दोपहर बाद यह नई रणनीति बनाई।
इसके तहत अब 11 गुर्जर नेता मंगलवार देर शाम तक जयपुर आ जाएंगे और सरकार से वार्ता करेंगे। आंदोलन के इतना हिंसक होने के बावजूद गुर्जरों को जयपुर बुलाकर वार्ता करने की सरकार की रणनीति कामयाब हो गई है। इसे सरकार की जीत बताया जा रहा है। यह वार्ता रात 9 बजे सचिवालय में होनी निश्चित की गई है।
कर्नल किरोड़ी बैसला वार्ता के लिए जयपुर नहीं आ रहे हैं। वे अन्य नेताओं को जयपुर भेज रहे हैं, इनमें भूरा भगत, श्रीराम बैसला, कैप्टन हरप्रसाद, हिम्मत सिंह, शैलेंद्र एडवोकेट, अतर सिंह, राजाराम अड्डा, टीकम पावटा, कमलेश एडवोकेट और जयसिंह सरपंच शामिल हैं।
सिकंदरा में सोमवार को सैनी समाज के लोगों की ओर से गुर्जरों को पीटने के बाद मंगलवार को करीब 4-5 हजार गुर्जर आ गए और उन्होंने सैनी समाज के लोगों पर हमला बोल दिया। हाईवे पर स्टोन मार्ट में तोड़फोड़ की, कई कलाकृतियों को तोड़कर लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाया। सब्जी की ठेले और दुकानें फूंक डालीं। सब्जियां उठाकर सड़क पर फेंक दीं। इस मामले के बाद गुर्जरों और सैनियों के बीच खासा तनाव हो गया है। दोनों समाजों के बीच जंग जैसे हालात पैदा हो गए हैं। गुर्जरों ने अपना आंदोलन तेज कर दिया है।
नेशनल हाईवे 11 जयपुर-आगरा राजमार्ग पर जाम लगा हुआ है। यहां सिकंदरा चौराहे पर गुर्जरों ने जमावड़ा लगाया हुआ है और किसी भी वाहन को नहीं निकलने दे रहे। भरतपुर, आगरा जाने के लिए रूट दौसा से होते हुए मंडावर और महुआ निकाला जा रहा है। वहीं पीलूपुरा में दिल्ली-मुंबई ट्रैक पांच दिन बाद अभी भी जाम है।