साहित्य दिखाता है समाज को रास्ता: अखिलेश
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27 May 15
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि साहित्य ही समाज को रास्ता दिखाता है। साहित्य शाश्वत है। साहित्यकार अपनी लेखनी से समाज का बिंब उभारते रहते हैं। आशा है कि वह इसी दिशा में प्रयास करते रहेंगे। वह शुक्रवार को उप्र हिंदी संस्थान की तरफ से दिए जाने वाले वार्षिक पुरस्कारों के वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। यशपाल सभागार में आयोजित समारोह में वर्ष 2009, 2010 व 2011 के पुरस्कार रचनाकारों को दिए गए।
लेखक डॉ. महीप सिंह को भारत-भारती सम्मान 2009, डॉ. कमल किशोर गोयनका को महात्मा गांधी सम्मान 2009, डॉ. सरला शुक्ल को हिंदी गौरव सम्मान 2009, मैत्रेयी पुष्पा को महात्मा गांधी सम्मान 2010, केपी सक्सेना को हिंदी गौरव सम्मान 2010, गोविंद मिश्र को भारत-भारती सम्मान 2011, नासिरा शर्मा को महात्मा गांधी सम्मान 2011 और श्रीकृष्ण तिवारी को हिंदी गौरव सम्मान 2011 से नवाजा गया। डॉ. कैलाश वाजपेई अस्वस्थ होने के कारण नहीं पहुंच सके। उन्हें वर्ष 2010 का भारत-भारती सम्मान दिया जाना था। इस मौके पर समकालीन समाज और हिंदी संस्थान का उत्तरदायित्व विषयक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। इसमें कवि श्रीकृष्ण तिवारी ने कहा कि समाज के कई पहलू हैं। साहित्य को परंपराओं, मान्यताओं, राजनीति आदि के बीच संतुलन बनाना होगा। मैत्रेयी पुष्पा सहित अन्य साहित्यकारों ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।
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