उदयपुर,(फादर जॉर्ज वी). सन्त पॉल स्कूल के सम्पन्न हुए सात दिवसीय समाजोपयोगी उत्पादक कार्य शिविर में कक्षा दसवीं की 46 बालिकाओं एवं 134 बालकों ने भाग लिया। विद्यार्थियों के ठहरने की व्यवस्था ओगणा के असुन्ता भवन प्राथमिक विद्यालय में की गई थी। वहाँ रहकर इन विद्यार्थियों ने समीपवर्ती गाँव आम्ब्री व भमरिया में दो मकानों के निर्माण में श्रमदान किया। एक तरफ जहाँ सात साल पहले अपने माता-पिता को खो चुके दिनेश व प्रकाश जीवन में आगे बढने की ललक लिये बेसहारा महसूस कर रहे थे तब सन्त पॉल के इन विद्यार्थियों ने इन दोनों भाइयों को आशियाने की सौगात देकर जिन्दगी में और आगे बढने का हमराही बनाया। स्वयं का मकान बनते देख दोनों भाइयों को यह एक अजूबे से कम नहीं लग रहा था।
मकान का उद्घाटन करके जब सन्त पॉल स्कूल प्राचार्य फादर जॉर्ज वी.जे. ने उन्हें मकान की चाबी सुपूर्द की तब दोनों भाई गदगद हो उठे। दसवीं की परीक्षा दे चुके बडे भाई दिनेश ने आभार व्यक्त करते हुए अपने इन शहरी भाई-बहिनों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। दूसरी ओर भमरिया गाँव में ललिता, दुर्गा एवं दिनेश पर से छोटी ही उम्र में अपनी माँ का साया उठ जाने एवं पिता के मानसिक तौर पर विक्षिप्त होकर लापता होने की हालत में सन्त पॉल के इन विद्यार्थियों ने अपने श्रमदान द्वारा इन तीनों भाई बहिनों को आशियाने की सौगात दी।
उद्घाटन समारोह में प्राचार्य फादर जॉर्ज वी.जे. ने विद्यार्थियों से सामाजिक जिम्मेदारी का निःस्वार्थ निर्वाह करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि स्वयं के लिए सोचना अच्छा है पर दूसरों के लिए कुछ करना अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का एक नेक कार्य है। उन्होंने विद्यार्थियों से जीवन भर ऐसे कार्यों से जुडे रहने का आह्वान भी किया। समारोह में स्कूल के 14 शिक्षकों का दल एवं स्थानीय सरपंच मौजूद थ। गौरतलब है कि गत वर्ष कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों ने सामाजिक सेवा शिविर के अन्तर्गत गोगुन्दा के काछबा गांव में रहकर दो विधवाओं के लिए मकान बनाने में श्रमदान किया था। ज्ञातव्य हो कि इस कार्यऋम के अन्तर्गत भवन निर्माण का पूरा खर्चा सन्त पॉल स्वयं वहन करता है।