मुंबई । महिला-केंद्रित’ फिल्मों का बॉलीवुड की मुख्यधारा का हिस्सा बनने से पहले ही मजबूत महिला किरदार निभाने वाली अदाकारा विद्या बालन ने कहा है कि उनके निजी अनुभवों से ही अक्सर उनकी पसंद की दिशा तय होती है। अभिनेत्री ने हिन्दी फिल्मों में नायिकाओं के बारे में बनी सोच को पिछले एक दशक में तोड़ा है। विद्या ने ‘‘परिणीता’, इश्किया’, ‘‘नो वन किल्ड जेसिका’, ‘‘द डर्टी पिक्चर’, ‘‘कहानी’ और ‘‘बेगम जान’ सरीखी अन्य फिल्मों के जरिए अपनी कामयाब पहचान बनाई। अभिनेत्री का कहना है कि निजी तौर पर उनकी पसंदीदा फिल्मों में ‘‘कहानी’, ‘‘द डर्टी पिक्चर’ और उनकी ‘‘तुम्हारी सुलू’ हैं जो उनके करियर में नया बदलाव लेकर आईं। विद्या ने साक्षात्कार में कहा, मैंने जो भी फिल्म या भूमिका निभाई है उसका मेरे से कुछ निजी जुड़ाव रहा है। इन सभी महिला (किरदारों में) अपने दिल की आवाज सुनी और वही किया जो वे करना चाहती थीं और एक तरह से वे सभी मेरा ही विस्तार हैं। उन्होंने कहा, मैं एक शर्मीली महिला हूं। मेरे दो पहलू हैं।अभिनय के लिए मैं अलग हूं। मैं किरदार के लिए कुछ भी कर सकती हूं, लेकिन एक महिला के तौर पर मैं शर्मीली हूं।
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