राजकीय महाविद्यालय बाड़मेर के बीएससी तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओं को महाविद्यालय प्रांगण में बीएससी द्वितीय वर्ष के छात्र व छात्राओं द्वारा विदाई दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य पांचाराम चौधरी ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि दो बातों का विषेष ध्यान रखने को कहा, पहली बात दुबारा बीएससी तृतीय वर्ष की परीक्षा देने इस महाविद्यालय में मत आना और दूसरी बात परीक्षा में भूल से भी कभी नकल लेकर मत आना। मैं किसी को भी नहीं बख्सुंगा एवं समस्त विदा हो रहे छात्र छात्राओ को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी एवं रसायन विज्ञान व्याख्याता दिलीप परमार ने कहा कि वर्षभर आपने क्या किया वह मायने नही ंरखता लेकिन अब जो आप करोगे वह आपका भविष्य तय करेगा और बीएससी तृतीय वर्ष के छात्र छात्राओं को कहा कि अब आब भी बेरोजगारी की पंक्ति में आने वाले हो इसलिए मेहनत कर आगे बढे। डॉ. आदर्ष किषोर ने सम्बोधित करते हुए कहा कि बीएससी के छात्र विदाई की परम्परा निभा रहे है इसके लिए आभार। व्याख्याता कानराज पूनिया ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में कहा कि आपकी जिदंगी का सबसे महत्वपूर्ण दिन वह था जिस दिन आपके महाविद्यालय परिसर में प्रवेष लिया था यह तीन वर्ष आपके भविष्य का निर्माण करेगें, जिदंगी की असली परिभाषा सीखनी है तो कभी बारीष में पतंग उडा कर देखना, आपको स्वतः समझ में आ जाएगा। इस दौरान व्याख्याता संपत जैन, छात्र संघ अध्यक्ष गजेन्द्रसिंह गोरडि़या ने भी छात्र छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। बीएससी द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं द्वारा बीएससी तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन के रूप में पुरूस्कार वितरित किये गये।
इस दौरान छात्र धर्मसिंह, लतासिंह, गोपालसिंह ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम संयोजक द्वितीय वर्ष के छात्र छात्रा ममता सारण, दिलीपसिंह, जुंझारसिंह जाखड, रविन्द्रसिंह, पुखराजसिंह भाटी, प्रेम डूडी, अंजू, पवन, तगेन्द्र, कवराज कुकणा, जुझारसिंह राजपुरोहित, अषोकसिंह, विवेक चौधरी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अन्त में बीएससी तृतीय वर्ष की ओर से हेलो इंगलिष एम्बेसडर जोगराजसिंह बामणी ने द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं का आभार प्रकट किया।
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