वेदांता रिर्सोसेज के चेयरमेन मनोहर पर्रिकर को श्रृद्धांजली दी। उन्होंने कहा कि मनोहर पर्रिकर का असामयिक निधन अपूर्णनिय क्षति है उन्होंने हमे८ाा लोगो की निस्वार्थ भाव से सेवा की। एक सच्चे नेता, राज्य और देश के प्रति उनकी विनम्रता और समर्पण ने पूरे भारत में लोगों के मन में एक अमिट छाप छोडी है। निजी तौर पर उनसे मिलने के लिए, उनकी डाउन-टू-अर्थ व्यक्तित्व, सरल जीवन शैली और विनम्र स्वभाव वास्तव में प्रेरणादायक था। उन्होंने सरकार के लिए महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, जिसमें रक्षा मंत्रलय का कार्यकाल और गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करना शामिल है, उन्होंने लोगों के साथ कार्य करते हुए बडी विनम्रता से काम लिया।
अनिल अग्रवाल ने उनके साथ बिताए अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि गोवा में कई क्षेत्रें में हमारे काम को देखते हुए, लौह अयस्क खनन से लेकर फुटब*ल अकादमी और हमारे प्रमुख नंद गढ सहित कई सीएसआर गतिविधियों के लिए, मुझे कई अवसरों पर पर्रिकर के साथ बातचीत करने का अवसर मिला। हर एक अवसर पर, मुझे एक ऐसे व्यक्ति मिले, जो एक शिष्ट श्रोता थे, जिनके पास राज्य के विस्तार और हित के लिए विस्तृत सकारात्मक सोच थी और यह लोगों के लिए प्राथमिकता के रूप में था। वे अपनी विचार प्रक्रिया और निर्णय लेने में स्पष्ट थे और *ढ विश्वास था कि शासन लोगों की सेवा करने के लिए है।
वे सही मायने में ‘आम आदमी‘ , जैसा कि उन्हें अक्सर कहा जाता था, पर्रिकर जी ने अपना पूरा जीवन ऐसे लोगों के अधिकारों के लिए लडने और बचाव में समर्पित कर दिया। हम सभी उनके असामयिक निधन की खबर सुनने के बाद अविश्वास की स्थिति से बाहर आने का प्रयास कर रहे हैं, हमें उन मूल्यों का अनुकरण करने में खुद को प्रतिबद्ध करना चाहिए जो उन्होंने सिद्धांतों, नैतिकता और भविष्य की पीढयों के लिए नैतिकता हेतु अमल किए। सादगी का प्रतीक, पर्रिकर जी ने एक ऐसी विरासत को पीछे छोड दिया है जो अपूरणीय है। वह अपने अंतिम घंटों तक काम कर रहे थे और यह उनकी कार्य के प्रति अटूट भावना और अद्वितीय सादगी को द८ाार्ता है। राष्ट्र के लोगों के लिए उनकी त्र्ुटिहीन सेवा को आने वाली पीढयों तक याद किया जाएगा।