भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर के निदेशक डाॅ. लईक हुसैन ने बताया कि भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर एवं संगीत नाटक अकादेमी, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आज दिनांक 25 जनवरी 2020 को गणत्रंत दिवस की पूर्व संध्या पर कठपुतली नाटिका रामायण का मंचन किया जाएगा।
उन्होने बताया कि देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सत्य का संदेश लोक नाटक सत्यवादी हरीश चन्द्र देखकर ही लिया तथा वह सत्यवादी हरीश चन्द्र के चरित्र से इतने प्रभावित हुए थे कि उन्होने सत्य को ही अपने जीवन का सार बना लिया। महात्मा गांधी जी एक आस्थिक व्यक्ति थे तथा भगवान राम में उनकी गहरी आस्था थी, वह भारत में सत्य और आस्था का समनव्य देखना चाहते थे। इसी कारण सभी जाति, धर्म के बीच समनव्य कि भावना से कार्य करते थे। यह वर्ष महात्मा गांधी जी के 150 वें जन्म वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। अतः गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भगवान राम पर आधारित नाटिका का मंचन उन्हे एक सच्ची श्रृद्धाजंली होगी। इस हेतु दिनांक 25 जनवरी को उक्त नाटिका का मंचन किया जा रहा है।
उन्होने यह भी बताया कि भारतीय लोक कला मण्डल के संस्थापक पद्मश्री देवीलाल सामर द्वारा पुतली नाटक रामायण को वर्ष 1962 में तैयार किया गया था और उनके जीवनकाल में उक्त नाटिका के कई प्रदर्शन राष्ट्रीय और अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर हुए। परन्तु समय के साथ- साथ उक्त पुतली नाटिका की ध्वनी रिकार्डिंग एवं पुतलीया भी लगभग खराब हो गई थी, उक्त स्थित को ध्यान में रखते हुए भारतीय लोक कला के निदेशक डाॅ. लईक हुसैन के निर्देशन में कठपुतली नाटिका को वर्तमान समय की तकनीक के अनुरूप संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली के आर्थिक सहयोग से कठपुतली नाटिका का पुनः लेखन एवं निदेर्शित कर रामायण कठपुतली नाटिका को नवीन स्वरूप प्रदान करने का प्रयास किया गया। जिसका मंचन संस्था के मुक्ताकाशी रंगमंच पर आज दिनांक 25 जनवरी सायं 7 बजे से किया जाएगा जिसमें दर्शकों का प्रवेश निःशुल्क रहेगा।