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स्वामी विवेकानन्द कठपुली नाटिका की शानदार प्रस्तुति

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13 Jan 20
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स्वामी विवेकानन्द कठपुली नाटिका की शानदार प्रस्तुति


उदयपुर,  भारतीय लोक कला मण्डल में स्वामी विवेकानन्द की 157 वीं जयंती के अवसर पर कठपुतली नाटिका ‘‘स्वामी विवेकानन्द’’ की शानदार प्रस्तुति  हुई ।
भारतीय लोक कला मण्डल के निदेशक डाॅ. लईक हुसैन ने बताया कि  स्वामी विवेकानन्द की 157 वीं जयंती के अवसर पर राजस्थान की पारंपरिक धागा पुतुल शैली में भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर के कलाकारों ने स्वामी विवेकानन्द के जीवन एंव उनके द्वारा मानव समाज कि उन्नती हेतु दिये गए सन्देशो को आम जन तक पहुचाने के उद्धेश्य से स्वामी विवेकानन्द कठपुतली नाटिका का प्रस्तुतिकरण किया । कार्यक्रम के प्रारम्भ में भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर के उपाध्यक्ष रियाज़ तहसीन एवं हंगरी एवं रूमानिया से आए आक्रोश एवं जुजा ने स्वामी विवेकानन्द की तस्वीर पर माल्यापर्ण कर कार्यक्रम की शुरूआत की ।
 कठपुतली नाटिका स्वामी विवेकान्द को वर्ष 2013 में रामकृष्ण मिशन नई दिल्ली के सौजन्य से निर्माण किया गया है। लगभग छः माह तक  शोध एंव उनके जीवन एंव संदेशों पर लिखी गई 30 पुस्तकों के अध्ययन के पश्चात डाॅ. लईक हुसैन द्वारा उक्त नाटिक का लेखन किया गया।  नाटिका की कहानी नरेन्द्र नामक बालक से प्रारम्भ होती है जिसमें उसके दादा जी उसे स्वामी विवेकानन्द की पे्ररणादायी कहानीयों जीवन प्रसंगो एवं शिक्षाओं को बताते है। उक्त पुतली नाटिका का निमार्ण सभी आयु वर्ग के लोगों, खास कर बच्चों को ध्यान में रखकर किया गया है जिसके माध्यम से स्वामी विवेकानन्द के जीवन मूल्यों एंव संदेशों को आम जन तक पहुचा सके।

 नाटिका में लगभग 70 पुतलीयों और 20 पर्दो का उपयोग किया गया है । जिसके अब तक 300 से अधिक प्रदर्शन राष्ट्रीय और अन्र्तराष्ट्रीय स्तर के समारोह में हो चूके है जिसमें भारत के विभिन्न राज्यो सहित अमेरिका, कनाड़ा, मलेशिया, सिंगापुर  तथा यू.के. में हुए प्रदर्शन सम्मिलित है इसके साथ ही उक्त कठपुतली नाटिका का मंचन दिनांक 03 जनवरी 2018 को लोक सभा के बाल योगी सभागार में भी किया गया।


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