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हसुमुख राय व्रज लाल याज्ञिक को कोठारी लाइफ टाइम अचीवमेन्ट लोक कला पुरस्कार

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17 Dec 19
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 हसुमुख राय व्रज लाल याज्ञिक को कोठारी लाइफ टाइम अचीवमेन्ट लोक कला पुरस्कार

 पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा लोक कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये पद्मभूषण डॉ. कोमल कोठारी की स्मृति में ‘‘कोमल कोठारी स्मृति (लाइफ टाइम अचीवमेन्ट) लोक कला पुरस्कार’’ प्रदान किया जा रहा है इसके अंतर्गत लोक कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिये अहमदाबाद के श्री हसुमख राय व्रजलाल याज्ञिक को प्रदान किया जा रहा है। शिल्पग्राम उत्सव के उद्घटन अवसर पर 21 दिसम्बर को यह पुरस्कार राज्यपाल श्री कलराज मिश्र द्वारा प्रदान किया जायेगा।
केन्द्र प्रभारी निदेशक श्री सुधांशु सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स में इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि माननीय राज्यपाल और केन्द्र के अध्यक्ष की प्रेरणा एवं पहल पर केन्द्र द्वारा वर्ष 2017 से प्रति वर्ष मूर्धन्य लोक कला मर्मज्ञ पद्मभूषण डॉ. कोमल कोठारी की स्मृति में यह पुरस्कार प्रदान किया जायेगा। उन्होंने बताया कि यह पुरस्कार केन्द्र के सदस्य राज्यों में लोक कला के क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यक्ति व संस्था को प्रदान किया जायेगा। पुरस्कार के अंतर्गत राशि रूपये दो लाख इक्यावन हजार का चैक, प्रशस्ति स्वरूप रजत पट्टिका एवं शॉल पहनाया जायेगा।
उन्होंने बताया कि पद्मभूषण डॉ. कोमल कोठारी स्मृति लाइफ टाइम अचीवमेन्ट पुरस्कार वर्ष 2019 में गुजरात से अहमदाबाद के हसुमुखराय व्रजलाल याज्ञिक को प्रदान किया जा रहा है।
डॉ. हसुमुखराय व्रजलाल याज्ञिक का परिचय
डॉ. हसु याज्ञिक का जन्म 12 फरवरी 1938 को गुजरात के राजकोट में हुआ। गुजराती और संस्कृत में स्नातकोत्तर के उपरान्त याज्ञिक ने डॉक्टरेट की। इनका हिन्दी, गुजराती, संस्कृत और अंग्रेजी भाषा पर पूर्ण अधिकार है। गुजराती में बतौर शिक्षण के उपरान्त हसुमुख राय याज्ञिक ने गुजरात साहित्य अकादमी क रजिस्ट्रार के रूप में अपनी सेवाएँ दी। आपने 21 उपन्यास, 23 लघु कथाओं, गुजरात के लोक साहित्य पर 25, भारतीय शास्त्रीय संगीत पर 14 पुस्तकों, 9 बाल साहित्य के अलावा मध्य गुजराती साहित्य और आदिवासी साहित्य के संपादन और शोध पर कार्य किया है। आपने गुजराती लोक संगीत, गुजराती लोक संगीत में रामकथा, फोक एपिक ऑफ वेस्टर्न इंडिया जैसे विषयों पर न केवल भारत अपितु विदेशों में पत्र वाचन कर भारत की लोक संस्कृति को विश्व स्तर पर सम्मान दिलाया। आपको लोक कला और साहित्य के क्षेत्र में शोध, संकलन और लेखन के यागदान के लिये मेघाणी अवार्ड के अलावा लंदन की में स्काईलार्क अवार्ड, डॉ. भायानी फैलोशिप से सम्मानित किया गया।


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