उदयपुर, “इलेक्ट्रिक शॉक यानि करंट लगने की दुर्घटना अनजाने में अथवा असावधानी के कारण होती है। इसलिये सावधानी के साथ-साथ इलेक्ट्रिक शॉक से बचने के उपायों की ट्रेनिंग आवश्यक है।“
उपरोक्त जानकारी विषय विशेषज्ञ श्री ए.आर. डेविस ने यूसीसीआई में “इलेक्ट्रीकल सेफ्टी” पर दो दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम के दौरान दी।
उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इन्डस्ट्री द्वारा इण्डियन इलेक्ट्रीकल एण्ड इलेक्ट्राॅनिक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (इमा) के संयुक्त तत्वावधान में यूसीसीआई भवन के पायरोटेक टेम्पसन्स सभागार में “इलेक्ट्रीकल सेफ्टी” विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला आज से आरम्भ हुई। कार्यशाला में मल्टी नेशनल कम्पनी सीमेन्स के विशेषज्ञ अधिकारियों द्वारा इलेक्ट्रीकल सेफ्टी एवं इससे सम्बन्धित अन्य पहलुओं के बारे में प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया।
कार्यक्रम के आरम्भ में वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री आशीष छाबडा ने इमा के अधिकारियों, विषय विशेषज्ञों एवं प्रतिभागियों का यूसीसीआई में स्वागत किया।
इण्डियन इलेक्ट्रीकल एण्ड इलेक्ट्राॅनिक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (इमा) के पदाधिकारी श्री भगवतसिंह बाबेल ने विषय विशेषज्ञों का परिचय प्रस्तुत किया।
इमा की श्रीमति अनिता गुप्ता ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।
यूसीसीआई की कार्यकारिणी सदस्या एवं सिक्योर मीटर्स की डायरेक्टर श्रीमति नन्दिता सिंघल ने भी विचार रखे।
कार्यशाला के दौरान सीमेन्स लिमिटेड के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर श्री ए.आर. डेविस एवं श्री अशोक राणे ने पॉवर पॉईन्ट प्रेजेन्टेशन के माध्यम विद्युत के खतरों तथा उनसे बचाव के उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
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