उदयपुर, माछला मगरा, नीमज माता, अमरख जी जैसी शहर की पहाड़ियों सहित झीलों के जलग्रहण क्षेत्र के पहाड़ों की कटाई पर झील प्रेमियों ने एक बार फिर रोष व्यक्त किया है।
झील मित्र संस्थान, झील संरक्षण समिति, गांधी मानव कल्याण समिति के तत्वावधान में आयोजित संवाद में डॉ अनिल मेहता ने कहा कि कंही पहाड़ियों पर कच्ची बस्तियों के नाम पर आबादी विस्तार हो रहा है तो कंही महंगी कोठियाँ बनाने के लिए पहाड़ पाटे जा रहें है।
तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि पहाड़ियों को बचाने का दावा करने वाले यूआइटी , निगम व अन्य समस्त सरकारी एजेंसिया पहाड़ पाटने की शिकायतों पर आंख मूंद लेते है।
नंद किशोर शर्मा ने कहा कि जीवनदायिनी हवा एवं पानी की उपलब्धता के लिए पहाड़ काटना रोकना होगा। इसके लिए जन आंदोलन खड़ा करने की जरूरत है।
संवाद पश्चात पीछोला पर श्रमदान द्वारा झील क्षेत्र से सडे बदबूदार मांस के थैले,रोटियां,पॉलीथिन,बोतले व घरेलू कचरा निकाला गया।
श्रमदान में रामलाल गहलोत, दिगम्बर सिंह,रमेशचंद्र राजपूत,ध्रुपद सिंह, सुमित विजय, तेज शंकर पालीवाल,डॉ अनिल मेहता एवं नन्द किशोर शर्मा ने भाग लिया।
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