उदयपुर, सावन मास में मेवाड अधिपति परमेश्वराजी महाराज श्री एकलिंगनाथ जी को विशेष सेवा-पूजन तथा पूरे माह पार्थेश्वर पूजन होता है। श्रावण शुक्ल की चतुर्दशी को महापूजा होती है जो रात्रि १० बजे से आरम्भ होकर पूर्णिमा पर पूर्ण होती है।
महाराणा मेवाड चेरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर द्वारा इस अवसर पर बताया कि मेवाड में सावन मास अति महत्वपूर्ण होने से कैलेंडर का आरम्भ श्रावण से किया जाता था। श्रावण मास की पूर्णाहुति तक पार्थेश्वर पूजन में भगवान को सवा लाख बिल्व पत्र चढाए जाने की परम्परा है। महापूजा पर भगवान एकलिंगनाथ जी को पंचामृत स्नान करवाया जाता है जिसमें दूध, दही, घी, शहद और चीनी के मिश्रण से तैयार किया जाता है। पंचामृत में प्रत्येक सामग्री का वजन लगभग १० किलो अथवा लीटर में होता है। महापूजा पर विशिष्ट पूजा एवं २७ रुद्री पाठ से श्रावण मास में पार्थेश्वर पूजन सम्पन्न होता है। महापूजा पर भगवान को आभूषणों व पुष्पों से सुसज्जित किया जाता है तथा महापूजन पर भगवान एकलिंगनाथजी को सिंदरफी लेहरिया धारण करवाया जाता है।