उदयपुर - स्पिक मैके (सोसायटी फॉर द प्रमोशन ऑफ इण्डियन क्लॉसिकल म्यूजिक एण्ड कल्चरल एम्गस्ट यूथ) द्वारा विरासत २०१८ के तहत आज दिनांक २० अगस्त २०१८ को स्व. पद्मविभूषण हबीब तनवीर एवं विजयदान देथा की कहानी पर आधारित नाटक चरणदास चोर की प्रथम प्रस्तुति प्रातः ९ बजे विवेकानंद केन्द्रीय विधालय, रिश्भदेव में एवं द्वितीय प्रस्तुति दोपहर १२.३० बजे पदमपत सिंहानियां विश्वविधालय में मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की शुरूआत की।
चेप्टर कोर्डिनेटर डी०के० गुप्ता ने बताया कि नया थियेटर भोपाल के निदेशक रामचन्द्र सिंह द्वारा निर्देशित नाटक ‘चरणदास चोर‘ इन दोनों विद्यालयों में करीब डेढ घण्टे तक मंचित इस नाटक में कलाकारों ने छात्र-छात्राओं को सच्चाई की ताकत समझाई। पूरे समय तक मंचित इस नाटक में एक चोर की कहानी को मंचित किया गया। यह सामान्य चोर होने के साथ-साथ एक सच्चा और सच्चाई की राह पर चलने वाला था वो अपने गुरू से चार प्रण लेता है जिसमें पहला की वो कभी सोने की थाली में खाना नहीं खायेगा, दूसरा की हाथी एवं घोडे की सवारी पर कभी नहीं बैठेगा, तीसरा की कभी झुठ नहीं बोलेगा एवं चौथा की किसी भी रानी से विवाह नहीं करेगा। अचानक उसके साथ ऐसी घटना होती है जिसमें वो राजकीय खजाने की चोरी करता है और पकडा जाता है लेकिन वो रानी के पूछने पर सत्य जवाब देता है कि मैंने चोरी की है। रानी उसके सच से प्रसन्न होकर हाथी व घोडी की सवाई के लिए राजभवन बुलाती है वो इसे ठुकरा देता है और उसे कारावास हो जाता है। रानी फिर उसे बुलाकर सोने की थाली में खाना खाने का प्रस्ताव देती है लेकिन वो इनकार कर देता है। फिर रानी उससे अनुनय विनय कर शादी का प्रस्ताव देती है वो इसे भी ठुकरा देता है। रानी क्रोधित होकर अन्त में उसे मरवा देती है। लेकिन चरणदास चोर कभी झुठ नहीं बोला एवं सच्चाई की राह पर चलकर अपने आप को बलिदान कर देता है। इस नाटक में नशामुक्ति, वचनबद्धता, झुठ नहीं बोलना, हमेशा सच बोलने की सीख दी।
चोर और कोतवाल की एक्टींग ने बच्चों के मन को खूब गुदगुदाया
इस नाटक के मंचन के दौरान नाटक के मुख्य पात्र चरणदास और कोतवाल की मटरगस्ती, शैतानिया और मजाकियां अंदाज में बच्चों का मन मोह लिया। उदयपुर चैप्टर चेयरपरसन संजय दत्ता ने इस अवसर पर रामचन्द्र सिंह श्रीमति रीनू घोश, डी०एस० चौहान प्राचार्य पंकज सोमानी आदि का आभार व्यक्त किया।
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