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जिला स्तरीय अनुभव आदान-प्रदान एवं पैरवी कार्यशाला

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13 Feb 18
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उदयपुर, जिला परिषद उदयपुर एवं इन्दिरा गांधी पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास संस्थान जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में यूएन वीमेन परियोजना के तहत महिला सशक्तिकरण एवं जागरूकता को लेकर जिला स्तरीय अनुभव आदान-प्रदान एवं पैरवी कार्यशाला का आयोजन सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हुआ।

कार्यशाला में मुख्य अतिथि जिला प्रमुख शांतिलाल मेघवाल ने वर्तमान परिपेक्ष्य में महिलाओं को जागरूक रहकर सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आह्वान किया। उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण में जिले की महिला जनप्रतिनिधियों को महती भूमिका निभाने की बात कही। उन्होंने कहा कि सशक्त समाज एवं सशक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए महिलाओं का सशक्त होना आवश्यक है। श्री मेघवाल ने बताया कि सरकार महिलाओं के उत्थान के लिए सतत प्रयासरत है और महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं का प्रावधान है, आवश्यकता है जागरूक होकर इनका अधिक से अधिक लाभ उठाने की।

कार्यशाला में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अविचल चतुर्वेदी ने जिले में आईएएस एवं आरएएस पद पर पदस्थापित महिला अधिकारियों का उदाहरण देते हुए महिलाओं को आत्भनिर्भर बनने एवं हर क्षेत्र में अपना विशिष्ट योगदान देने की बात कही। श्री चतुर्वेदी ने बताया कि जिले में स्वच्छता अभियान में महिलाओं की विशेष भूमिका रही है। ऐसे में महिलाओं को और अधिक जागरूक होकर सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाते हुए आमजन को भी जागरूक करना होगा। उन्होंने महिला अधिकारों को बढ़ावा देने एवं शिक्षा के साथ अन्य क्षेत्रों में बढ़-चढ़ कर भागीदारी निभाने का भी आह्वान किया।

कार्यशाला में इंदिरागांधी पंचायतीराज प्रशिक्षण संस्थान की प्रो. डॉ अनिता ने पावर प्वाइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि महिला जागरूकता एवं सशक्तिकरण के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण, स्वयंसेवी संस्थाओं एवं आमजन को समन्वित प्रयास करने की आवश्यकता है। ऐसे में प्रत्येक पंचायत स्तर पर जैण्डर मैत्रीपूर्ण माहौल के लिए महिलाओं को जागरूक करते हुए उन्हें बढ़ाना देना होगा।

उन्होंने महिलाओं के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार के साथ अन्य क्षेत्रों में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी और इन योजनाओं से जुड़कर स्वयं लाभान्वित होने और अन्य महिलाओं को इनसे जोड़ने की बात कही। उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए कौशल ट्रेनिंग, बैंक लिंकेज आदि की व्यवस्था पर भी जोर दिया।

कार्यक्रम की राज्य परियोजना अधिकारी डॉ. रूचि चतुर्वेदी ने कार्यशाला के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों को कार्यक्रम से जोड़ा जाकर महिलाओं को सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को समान अवसर उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि राज्य में यह परियोजना वर्तमान में उदयपुर एवं अलवर जिले में चल रही है। कार्यशाला में जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुकेश कुमार कलाल ने भी अपने विचार रखे।

कार्यशाला में विभिन्न पंचायत समितियों के प्रधानगण एवं विकास अधिकारी, सरपंच, अन्य जनप्रतिनिधि, आईसीडीएस, महिला अधिकारिता, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सहित अन्य विभागों के अधिकारीगण, विभिन्न संस्थानों के पदाधिकारी आदि ने भी अपने अनुभव साझा किये।
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