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विश्व स्तर पर होगी उदयपुर की चिकित्सा शिक्षा और सेवा

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26 Dec 16
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विश्व स्तर पर होगी उदयपुर की चिकित्सा शिक्षा और सेवा आपी की तीन दिवसीय कांफ्रेंस उदयपुर में, यूएस में निवासरत डॉक्टर्स करेंगे मंथन, केंद्रीय चिकित्सा मंत्री करेंगे उद्घाटन
अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया आर्गोनाइजेशन (आपी) की २८ से ३० दिसंबर तक तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय समिट की मेजबानी अमेरिकन इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेज करेगा। इसमें आपी से जुडे करीब चार सौ डॉक्टर्स शिरकत करेंगे। इसमें अधिकांश भारतीय मूल के एनआरआई डॉक्टर्स होंगे। इस कांफ्रेंस का उद्घाटन २८ दिसंबर को कद्रीय चिकित्सा मंत्री जगत प्रसाद नद्दा, गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया और राज्य के चिकित्सा मंत्री काली चरण सराफ बेडवास स्थित अमेरिकन इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेज में करेंगे।
आपी डॉक्टर्स का दूसरा सबसे बडा संगठन है जिसके निर्णय सभी देशों की सरकार व इंस्टीट्यूट में उपयोग लिए जाते हैं। सौभाग्य की बात है कि दुनिया के करीब ९० हजार डॉक्टर्स का प्रतिनिधित्व करने वाले इस संगठन का नेतृत्व उदयपुर के डॉ. कीर्ति जैन एवं डॉ. अजय लोढा कर रहे है। इन्हीं के प्रयासों से यह विश्व स्तर के संगठन की कांफ्रेंस उदयपुर में हो पाई है। इस कांफ्रेंस में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सा में हो रहे बदलाव पर चर्चा होगी और इसके निर्णय डब्ल्यूएचओ और सरकार को भेजे जाएंगे। दुनियाभर में इसे उपयोग में लिया जाएगा। इससे उदयपुर की पहचान विश्व में मेडिकल टूरिज्म के रूप में कायम हो सकेगी।
आपी के अध्यक्ष डॉ. अजय लोढा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय समिट की तैयारी को लेकर अमेरिका में निवासरत एआईएचएमएल के सीएमडी डॉ. कीर्ति जैन शनिवार को उदयपुर पहचे। उन्होंने बताया कि चिकित्सा में हो रहे बदलाव में अमेरिका देश-दुनिया में पहचान रखता है। एसोसिएशन में पेश होने वाले केस और उनके उपचार के तरीकों व बदलाव की चर्चा के बाद आने वाले परिणामों का उपयोग देश-दुनिया की चिकित्सकीय सेवाओं में होगा। इसकी मेजबानी उदयपुर में अमेरिकन इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस और जीबीएच ग्रुप के हॉस्पीटल करेंगें। २९ व ३० दिसंबर की कांफ्रेंस रेडिशन ब्ल्यू होटल में होगी।
एम्स के सीएमडी डॉ. कीर्ति जैन ने बताया कि कांफ्रेंस में डब्ल्यूएचओ, इंडो अमेरिकन केंसर एसोसिएशन और जीबीएच मेमोरियल केंसर हॉस्पीटल के संयुक्त तत्वाववधान में होने वाले एनसीडी प्रोग्राम (गैर संक्रामक रोगों) के पायलट प्रोजेक्ट का भी उद्घाटन केंद्रीय चिकित्सा मंत्री करेंगे। जीबीएच मेमोरियल केंसर हॉस्पीटल को इंडो अमेरिकन केंसर एसोसिएशन से जुडे विश्व स्तरीय केंसर रोग विशेषज्ञ मदद करेंगे। डब्ल्यूएचओ ने स्क्रीनिंग का काम अमेरिकन इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंस से जुडे जीबीएच मेमोरियल केंसर हॉस्पीटल को दिया है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में स्क्रीनिंग के लिए गोगुंदा, कोटडा, झाडोल और खेरवाडा को शामिल किया गया है। यहां जीबीएच मेमोरियल कैंसर हॉस्पीटल की हैल्थ वर्कर्स अगले एक साल में पांच हजार महिलाओं की केंसर स्क्रीनिंग करेगी। इसके लिए ग्राम सभाएं, चिकित्सा शिविर और डोर टू डोर स्क्रीनिंग प्रोग्राम आयोजित होंगे। स्क्रीनिंग में सामने आने वाले रोगियों की डब्ल्यूएचओ को रिपोर्टिंग करके जीबीएच मेमोरियल कैंसर हॉस्पीटल में इलाज दिलाया जाएगा। इस प्रकि्रया से ५० प्रतिशत तक सर्वाइकल केंसर पीडत महिलाओं की मृत्यु होने से बचाया जा सकेगा।
गंभीर रोगियों को इंडो अमेरिकन केंसर एसोसिएशन से जुडे विशेशज्ञों की मदद लेकर इलाज दिया जाएगा। एक साल के प्रोग्राम की सफलता के बाद इसे राज्य सरकार की मदद से पूरे राजस्थान में चलाया जाएगा। इसमें करीब पांच लाख महिलाओं की केंसर स्क्रीनिंग की जाएगी। पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद तमिलनाडू के बाद राजस्थान दूसरा प्रदेश होगा, जहां एनसीडी प्रोग्राम से हेल्थ केयर पर काम किया जाएगा। डब्ल्यूएचओ और इंडो अमेरिकन कैंसर एसोसिएशन के साथ में जुडने से विश्व पटल पर उदयपुर की हेल्थ केयर की पहचान कायम हो सकेगी। अमेरिकन इंटरनेशनल हैल्थ मैनेजमेंट लिमिटेड के सीएमडी डॉ. कीर्ति जैन ने बताया कि आज इन तीन बीमारियों से दुनिया में हर साल करीब ४ करोड लोगों की मौतें होती है। प्रदेश में इस तरह का काम होने से आने वाले सालों में तमिलनाडू के बाद राजस्थान देश का दूसरा स्वस्थ प्रदेश बन सकेगा। केंसर से देश में हर साल ८० हजार महिलाओं की मौतें होती है। इसमें करीब १५ से २० हजार लोग दक्षिण राजस्थान के है। इन्हें अमेरिकन इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज से जुडे जीबीएच मेमोरियल केंसर हॉस्पीटल में अंतरराष्ट्रीय उपचार मुहैया हो सकेगा।

यह रहेंगे खास कार्यक्रम ः कांफ्रेंस में विश्व के ८ टॉप कार्डियोलॉजिस्ट पहुंचेंगे। इसमें इलेक्ट्रो फिजियोलॉजी पर चर्चा होगी। कांफ्रेंस में भाग लेने के लिए दुनियाभर से २४८ रजिस्ट्रेशन हुए है।


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