GMCH STORIES

अमर शहीद प्रकाश खटीक का नवां शहादत दिवस मनाया

( Read 23533 Times)

19 Apr 20
Share |
Print This Page
अमर शहीद प्रकाश खटीक का नवां शहादत दिवस मनाया

मीणों द्वारा अपने घर पर रहकर शहीद को श्रद्धांजलि दी आज उनका नवां शहादत दिवस होने से एवं वैश्विक महामारी की वजह से लोगों ने अपने घर पर ही हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित कर अपने आपको गौरवान्वित महसूस किया।
समिति के अध्यक्ष इंजीनियर जीतमल चौहान ने बताया कि कमांडो के पद पर रहते हुए दिनांक 18 अप्रैल 2011 को कुख्यात मुलजिम भानु प्रताप जो कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश 3 राज्यों का कुख्यात अपराधी को उदयपुर से झालावाड़ पेसी पर ले जा रहे थे बीच में बिजोलिया भीलवाड़ा में शिवराज सिंह की गैंग से लोहा लेते हुए अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए मुठभेड़ में शहीद हो गए।
      पूर्व में अशोक गहलोत सरकार द्वारा शहीद का दर्जा दिया गया एवं समिति तथा बेदला, बड़गांव, सापेटिया, कविता, थूर गांव के ग्रामीणों द्वारा यह लगातार मांग की जा रही है कि अमर शहीद प्रकाश की प्रतिमा साइफन चौराया पर प्रशासन द्वारा लगाई जाए क्योंकि इससे युवाओं को प्रेरणा मिलेगी एवं बेदला गांव का नाम रोशन करने वाले शहीद की प्रतिमा साइफन चौराहे पर लगने से एक आदर्श स्थापित होगा एवं ज्ञातव्य है कि शहीद की प्रतिमा घर वालों ने लगभग 9 वर्षों से तैयार कर घर पर रखी है केवल प्रशासन की इजाजत का इंतजार हैं।
अखिल भारतीय खटीक समाज के अध्यक्ष इंजीनियर शैलेंद्र चौहान ने रोष व्यक्त करते हुए अपनी पीड़ा बताई की हमारे समाज का कि नहीं अपितु पूरे प्रदेश का नाम कीया है ऐसे सपूत की प्रतिमा के लिए प्रशासन को स्वीकृति देनी चाहिए इसमें विलंब करना शहीद की मर्यादा के विरुद्ध होगा एवं गत वर्ष भी गांव वाले एवं प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा रोष व्यक्त किया गया जिनमें मुख्य रूप से बेदला के सरपंच एवं शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोपाल जी शर्मा तथा देहात जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष लाल सिंह झाला एवं अन्य गणमान्य लोगों द्वारा साइफन चौराहे पर प्रतिमा लगाने की मांग की
जीवन परिचयरू-
शहीद प्रकाश का जन्म माता कमला देवी की कोख से 13 नवंबर 1979 को उदयपुर शहर के निकट बेदला गांव में हुआ अपने माता पिता की चौथी संतान थी पिता जी की हिंदुस्तान जिंक जावर माइंस में मोचीया खदान मैं सर्विस होने से इनकी प्रारंभिक शिक्षा जावर माइंस में ही पूरी की पिताजी का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण हिंदुस्तान जिंक से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली जिसके कारण पूरा परिवार  गांव बेदला में रहने लग गया परिवार में शिक्षा का स्तर निम्न था।
 ननिहाल में मामा श्री शैलेंद्र चौहान एवं श्री जीतमल चौहान के प्रोत्साहन के कारण शिक्षा के प्रति सकारात्मक रुख के कारण प्रकाश के भाई श्री अशोक कुमार प्रधानाध्यापक, श्री मोहनलाल एसआई ,श्री सुरेंद्र कुमार एस आई राजस्थान पुलिस सरकारी सेवा में अपनी सेवाएं दे रहे हैं एक बहन श्रीमती रेखा बागड़ी है क्योंकि प्रकाश सबसे छोटा होने के कारण सबका लाडला था बचपन से ही होनहार निडर था अपने प्रथम प्रयास से ही वह राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल के पद पर चयनित होकर दिनांक 25 नवंबर 1999 को बांसवाड़ा जिले में नियुक्त हुआ कमांडो का परीक्षण प्राप्त कर अपनी सेवाएं उदयपुर में देने लगा उन्होंने अपने अल्प सेवाकाल मे यह कई गणमान्य अधिकारियों राजनेताओं न्यायाधीशों विदेशी राष्ट्रीय अतिथियों को अपनी सेवाएं प्रदान की पद पर रहते हुए दिनांक 18 अप्रैल 2011 को शहीद हो गए ।
वह अपने पीछे पत्नी श्रीमती सुनीता पुत्र श्री मोहित एवं पुत्री सुश्री यशस्वी छोड़ गए हैं घर पर रहकर श्रद्धांजलि देने वालों में मुख्य रूप से परिजनों के साथ साथ बेदला गांव के निवासी, समाज बंधु एवं समिति के महामंत्री विनोद बावला, कोषाध्यक्ष अशोक कुमार ,सचिन सूरज तंवर, सह सचिव मुकेश तंवर ,किशन लाल निमावत ,पीएस खींची, भेरूलाल तवर ,रमेश पहाडि़या ,भंवरलाल बागड़ी, नवल राम खटीक ,लल्लूराम चंदेरिया, बंसीलाल चौहान ,लव देव बागड़ी, सुरेश तंवर, रमेश कुमावत ,किशन लाल बागड़ी, दिनेश निमावत ,मदनलाल, राजेश चंदेरिया, मुकेश चंदेरिया, मुकेश बागड़ी ,राजेश वर्मा ,दीपेश चौहान ,हिम्मत बागड़ी ,ओम चौहान ,लोकेश बागड़ी, एवं काफी संख्या में लोगों ने घर पर रहकर ही शहीद को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए

 


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : National News
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like