उदयपुर, जिले मंे कोरोना महामारी को संक्रमण से बचाव के लिए घोषित लॉकडाउन स्थितियों में जिला प्रशासन और भामाशाहों द्वारा राशन वितरण के माध्यम से की जा रही मदद को कुछ लोग शर्मिंदा कर रहे हैं क्योंकि जानबूझकर कंट्रोल रुम पर फोन करके खुद के दो-तीन दिन से भूखे होने की दुहाई देने वाले घरों से 15-15 दिनों का राशन निकल रहा है।
जिला प्रशासन द्वारा जरूरतमंदों को तत्काल खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए स्थापित किए गए नियंत्रण कक्ष के फोन पर कई बस्तियों से खुद के भूखे होने की बात कहते हुए राशन उपलब्ध कराने की मांग की जा रही थी। प्रशासन को शंका होने पर ऐसे लोगों के घरों की जांच के लिए एक टीम गठित की गई। टीम में उदयपुर शहर पटवारी सुरपाल सिंह सोलंकी, सवीना पटवारी युवराज सिंह झाला, नगर विकास प्रन्यास से सैयद शहादत अली ने अपने साथ पुलिस जाब्ता लेकर सज्जनगढ़ रोड़ स्थित ओड़ बस्ती पिपली चौक एवं मस्तान बाबा दरगाह के आसपास के करीबन एक दर्जन से अधिक लोगों के घरों में जाकर आवश्यक खाद्य सामग्री की जांच की। इस जांच में लगभग सभी घरों में 5 से 15 दिन तक की खाद्य सामग्री मिली। दल सदस्यों ने बताया कि यह खाद्य सामग्री उन्हीं लोगों के वहां से मिली जिनके द्वारा बार-बार कंट्रोल रूम मैं फोन करके कहा जा रहा था कि हम 2-3 दिन से भूखे हैं, हमारे पास कोई राशन नहीं है । दल द्वारा राशन पर्याप्त मात्रा में मिलने पर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया, साथ ही संबंधित लोगों को पाबंद भी किया कि वे इस संकट के समय में की जा रही मदद को शर्मिंदा न करें, गंभीर बनें व जरूरतमंदों तक राशन पहुंचने देकर प्रशासन का सहयोग करें।
प्रशासन ने भामाशाहों से किया आह्वान:
इधर, जिला कलक्टर श्रीमती आनंदी ने भामाशाहों से भी आह्वान किया है कि वे अपने स्तर पर खाद्य सामग्री का वितरण नहीं करें क्योंकि इसका दुरूप्योग हो रहा है। उन्होंने कहा है कि भामाशाह प्रशासन को साथ लेकर ही जरूरतमंदों को राशन का वितरण करें ताकि वास्तविक जरूरतमंदों तक उनके द्वारा की जा रही सहायता और खाद्य सामग्री पहुंच सके।