उदयपुर:नशा मुक्त भारत अभियान की 5वीं वर्षगांठ के अवसर पर गीतांजलि मेडिकल कॉलेज, उदयपुर के मनोरोग विभाग द्वारा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से एक इंटर कॉलेज पीजी क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विषय था — “नशे को ना कहें और जीवन को हाँ कहें।”

उदयपुर के सभी छह मेडिकल कॉलेजों — आरएनटी मेडिकल कॉलेज, अनंता इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़, जीबीएच मेडिकल कॉलेज और पैसिफिक इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ (दोनों परिसरों) — ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। नशा मनोचिकित्सा (Addiction Psychiatry) पर आधारित पाँच रोमांचक राउंड्स में प्रतिभागियों के बीच कड़ा मुकाबला हुआ।
पैसिफिक इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ (PIMS) की द्वितीय वर्ष की रेज़िडेंट डॉ. दिव्या चड्ढा और प्रथम वर्ष की रेज़िडेंट डॉ. नीलांका घोष ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल राउंड में गीतांजलि मेडिकल कॉलेज की टीम के साथ टाई किया। डॉ. दिव्या चड्ढा के उत्कृष्ट ज्ञान और त्वरित उत्तरों की सभी कॉलेजों के शिक्षकों ने सराहना की।
पिम्स टीम को प्रतियोगिता में रनर-अप घोषित किया गया। इस उपलब्धि पर डीन एवं प्रो. डॉ. सुरेश गोयल, मेडिकल डायरेक्टर डॉ. कमलेश शेखावत तथा विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. प्रवीन खैरकर ने टीम को बधाई दी। संस्थान के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री नमन अग्रवाल को सदैव शैक्षणिक एवं सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
इस कार्यक्रम ने युवाओं में नशा मुक्त जीवन का सशक्त संदेश दिया और राजस्थान भर के कॉलेज छात्रों को स्वस्थ एवं नशा मुक्त समाज के निर्माण की दिशा में प्रेरित किया।