उदयपुर/ प्राचीन शिव धाम अमरखजी में शिव वास शुक्ल प्रदोष त्रयोदशी के अवसर पर पंद्रह पण्डितों द्वारा लघु रूद्राभिषेक एवं चण्डी पाठ का अनुष्ठान किया गया। प्रारंभ में गणपति स्थापना के साथ ही नव ग्रह आदि देवताओं का शास्त्र सम्मत पूजन किया गया, इसके पश्चात अखण्ड जल धारा से शिवाभिषेक किया। इस अवसर पर अमरखजी संरक्षण मण्डल, शान्तिपीठ के अनन्त गणेश त्रिवेदी,प्रो देवेन्द्र श्रीमाली, बंशीलाल कुम्हार, अशोक कुमावत,पं ओम प्रकाश पालीवाल, सत्यनारायण मेनारिया आदि उपस्थित थे।
सनातन हिन्दू धर्म के पुनरूत्थान के संदर्भ में प्रो बी पी शर्मा ने कहा कि वर्तमान में सनातन संस्कृति के कईं आयामों पर प्रहार हो रहे हैं और इसे क्षिण किये जाने की ताकतें बहुत सक्रिय हैं,ऐसे में शिव - शक्ति की पूर्ण श्रद्धा के साथ आराधना समाधान की दिशा तय करेगी और सनातन का शाश्वत प्रवाह अजर अमर बना रह कर विश्व कल्याण की दिशा प्रकाशित करेगा ।
अनन्त गणेश त्रिवेदी ने कहा कि निर्बाध राष्ट्रोत्थान के लिए सशक्त राष्ट्र कवच के आवश्यकता की परिपूर्ति आध्यात्मिक शक्ति जागरण से ही संभव है। सनातन के उत्थान में मानव मात्र का कल्याण एवं विश्व बंधुत्व का रसायन समाहित है । पंडित विकास के आचार्यत्व में आयोजित अनुष्ठान आरती, पुष्पांजलि मंत्र एवं महाप्रसाद के साथ सम्पन्न हुआ ।