उदयपुर. मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर के विज्ञान संकाय में वनस्पति शास्त्र विभाग की शोधार्थी भाविका कुंवर को 'चयनित खाद्य लोक-औषधीय पौधों की पात्रे थक्कालयनकारी क्षमता का आकलन' विषय पर पीएच. डी. डिग्री प्रदान की. भाविका ने यह शोधकार्य राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय, उदयपुर में सह-आचार्य डॉ. वर्तिका जैन तथा पेसिफिक मेडिकल कॉलेज के डॉ. एस. के. वर्मा के निर्देशन में संपन्न किया. उल्लेखनीय है की भाविका ने दैनिक जीवन में भोजन के रूप में उपयोग लाये जाने वाले पौधे जैसे, सहजन, कलमी साग, पुनर्नवा, कैर तथा बथुआ का रक्त में बनने वाले थक्के को विघटन करने वाले गुणों पर सकारात्मक प्रभाव पाया. इस दृष्टि से हृदय तथा मस्तिष्क में बनने वाले रक्त के थक्कों को विघटन करने में इन पौधों का प्रभावी उपयोग किया जा सकता है. इन पौधों का हृदय सम्बंधित रोगों में उल्लेख सदाशिव द्वारा प्रदत प्राचीन वैद्यक शास्त्र, श्री प्रभात रंजन सरकार द्वारा रचित यौगिक चिकित्सा तथा द्रव्य गुण, आयुर्वेद, तथा लोकवनस्पति शास्त्र में भी किया गया है. भाविका का यह शोधकार्य इन पौधों के इस गुण के वैज्ञानिक प्रमाणीकरण का एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है.