महेश काले ने रॉयल ओपेरा हाउस में जगमगाई दिवाली की दिव्य धुनें

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Published on : 23 Oct, 25 06:10

महेश काले ने रॉयल ओपेरा हाउस में जगमगाई दिवाली की दिव्य धुनें

सैन फ्रांसिस्को स्थित राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक महेश काले का भारत में दिवाली विशेष संगीत कार्यक्रम के लिए लौटना वाकई जादुई पल था महाराष्ट्र के दादर और ठाणे में कार्यक्रम करने के बाद, दिवाली और अगले दिन उन्होंने मुंबई के प्रतिष्ठित रॉयल ओपेरा हाउस में मनमोहक प्रदर्शन किया दिवाली और लक्ष्मी पूजा के पावन अवसर पर काले की आवाज़ हजारों दीपों की तरह चमक रही थी… हर सुर ने दिलों को रोशन किया और श्रोताओं को आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति में डुबो दिया।

जैसे ही कार्यक्रम शुरू हुआ और पहला राग गूंजा, हॉल में सन्नाटा छा गया, समय मानो थम गया और माहौल लगभग पवित्र हो गया। लोग आँखें बंद किए, होंठों से धीरे-धीरे शब्द दोहराते, और आत्माएं एक साथ उठती नजर आईं। ‘आनंद मनाओ मंगल गाओ’, ‘माझे जीवन गाणे’, ‘मोरया मोरया’, ‘मन लोभले मन मोहे’ और ‘हे सुरण्णो चंद्र व्हा’ सहित महेश काले के भावपूर्ण गीतों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

मध्यान्ह का यह संगीत समारोह प्रकाश, ध्वनि और आंतरिक जागरण का उत्सव बन गया। रॉयल ओपेरा हाउस के पावन वातावरण में परंपरा, भक्ति, संगीत और उत्सव का संगम हर दिल पर असर छोड़ गया, और महेश काले की आवाज़ केवल गा रही नहीं थी, बल्कि हॉल में उपस्थित हर व्यक्ति को उनके साथ हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रही थी।

हर रचना ने अपनी भावनात्मक और आध्यात्मिक गहराई दिखाई, जो एक रोमांचक समापन की ओर बढ़ी। महेश काले की अपनी हिंदी रचना ‘श्री राम जय राम जय जय राम’ की अंतिम धुनें जैसे ही भव्य छत के मेहराबों में घुल गईं, उस सन्नाटे में जीवन था… कृतज्ञता, श्रद्धा और आने वाले और भी उज्जवल पलों का वादा।


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