उदयपुर, दीपावली से पहले झीलों की नगरी उदयपुर में जहां हर ओर रोशनी और रंगों की बहार है, वहीं ग्रामीण क्षेत्र से आए बच्चों ने भी इस उत्सव में अपनी सृजनशीलता के रंग भरे।
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, वरड़ा के विद्यार्थियों ने अपने शिक्षक और शिल्पकार हेमंत जोशी के नेतृत्व में शहर का भ्रमण किया और ‘रंगत – रास्ता री’ कला उत्सव में सक्रिय रूप से भाग लिया।
बच्चों ने आरटीओ अंडरपास, जिसे हाल ही में यूडीए के तत्वावधान में कला के रंगों से संवारा गया है, की दीवारों पर अपनी कल्पना के रंग उकेरे। उन्होंने लोकजीवन, पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता और सांस्कृतिक एकता जैसे विषयों पर सुंदर चित्र बनाए, जिनमें गांव की मिट्टी की सादगी और सृजन की चमक झलकती है।
*ग्रामीण बच्चों की कला ने शहरवासियों को किया प्रभावित*
इस दौरान उत्सव संयोजक सुनील एस. लड्ढा ने बताया कि ‘रंगत – रास्ता री’ की सबसे बड़ी उपलब्धि यही रही कि इसने कला को गांवों तक पहुंचाया और ग्रामीण प्रतिभाओं को शहर के मंच से जोड़ा।
उन्होंने कहा — “इन बच्चों की कल्पना और उत्साह इस बात का प्रमाण हैं कि कला किसी एक स्थान या सुविधा की मोहताज नहीं, यह तो हर दिल में बसती है।”
*शहर भ्रमण में झलकी उत्सुकता और सीखने की ललक*
विद्यालय के प्रधानाचार्य संदीप आमेटा ने बताया कि विद्यार्थियों को इस अवसर पर फतहसागर, शिल्पग्राम और शहर के अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों का भ्रमण भी करवाया गया।
बच्चों ने शिल्पग्राम में स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों से मुलाकात की, कला निर्माण की बारीकियों को समझा और उनकी प्रेरक यात्रा सुनी।
कई विद्यार्थियों के लिए यह पहला अवसर था जब उन्होंने इतने बड़े कला मंच और झीलों की नगरी की सुंदरता को करीब से देखा। बच्चों ने उत्साहपूर्वक कहा कि यह अनुभव उनके लिए दीपावली से पहले मिला “सबसे सुंदर तोहफ़ा” रहा।