जैसलमेर, जिला कलक्टर प्रताप सिंह के निर्देशन में जैसलमेर जिला प्रशासन द्वारा कटान रास्तों पर किए गए अतिक्रमणों को हटाने के संबंध में त्वरित एवं प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। पीड़ित परिवादियों की ओर से प्रस्तुत प्रार्थनाओं पर जिला प्रशासन गंभीरता से कार्रवाई करते हुए आमजन को राहत प्रदान कर रहा है।
राजस्व विभाग की टीमें तहसील जैसलमेर, पोकरण, सम, भणियाणा, रामगढ़ एवं फलसूंड क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। संबंधित मामलों में भू-अभिलेख निरीक्षकों और पटवारियों को मौके पर भेजकर सत्यापन एवं अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही है।
इसी क्रम में तहसील जैसलमेर क्षेत्र के गांव चांदन, करमों की ढाणी, सगरा, बड़ोड़ा, असायच, छत्रैल, रामकुण्डा, रूपसी, पारेवर, जोधा, डाबला, अमरनगर, जैरात, बासनपीर, सोढाकोर, भू, भींया व पीपरला सहित 51 कटान रास्तों को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। इन कार्यवाहियों से सैकड़ों ग्रामीणों को अपने खेतों तक निर्बाध आवागमन की सुविधा मिली है। वहीं, तहसील पोकरण क्षेत्र में ग्राम खुहड़ा, लंवा, ओला, हेमगढ़, मावा व लाठी के 6 रास्तों को अतिक्रमण से मुक्त कर सीमाज्ञान कर रास्तों को पुनः चालू करवाया गया।
इसी प्रकार तहसील सम क्षेत्र के गांव मसूरिया, कोरिया, धोबा से जीवराज सिंह की ढाणी, कनोइर, जामड़ा, खुहड़ी व सियालों की बस्ती सहित 6 कटान रास्तों पर से अतिक्रमण हटाया गया, जिससे ग्रामीणों को राहत मिली। वहीं, तहसील भणियाणा क्षेत्र में ग्राम झालरिया, रातडिया, प्रहलादसर, डूंगरे की ढाणी, जलोड़ा सोनपुरा, भणियाणा, सरदार सिंह की ढाणी, इन्द्रानगर, चितरोड़ी एवं रातडिया क्षेत्र में 13 रास्तों को अतिक्रमण से मुक्त किया गया। साथ ही धारा 251(ए) के तहत इन रास्तों का राजस्व अभिलेखों में इंद्राज भी किया गया। साथ ही, तहसील रामगढ़ क्षेत्र में दिलावर का गांव एवं राघवा में 2 रास्तों को अतिक्रमण मुक्त करवाया गया।
इसी प्रकार तहसील फलसूंड क्षेत्र में रावतपुरा, प्रेमासर, भोपालगढ़, धोलासर, दानासर, बरसाणी, भीखोडाई जूनी, खानपुरा, मुकनसर, चांदनी मेघासर, हेमसागर, दांतल, जीयासर व झालोडा भाटियान गांवों के 19 कटान रास्तों को अतिक्रमण मुक्त कर आमजन को स्थायी रूप से रास्तों की सुविधा सुनिश्चित की गई।
जिला प्रशासन द्वारा इन कार्यवाहियों के परिणामस्वरूप अब तक कुल 97 कटान रास्तों को अतिक्रमण से मुक्त किया गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन की समस्या का स्थायी समाधान हुआ है।
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि ग्रामीणों की मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी शिकायतों पर संवेदनशीलता के साथ त्वरित कार्रवाई प्रशासन की प्राथमिकता है। साथ ही, अतिक्रमण कर जनहित बाधित करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।