ओरण, आगोर, तालाब, नाड़ी, नदी-नाला सहित परंपरागत जल स्त्रोतों के
लगभग 1 लाख बीघा भूमि राजस्व रिकॉर्ड में इंद्राज के प्रस्ताव अनुशंषा सहित राज्य सरकार को प्रेषित
जैसलमेर। जिला कलक्टर प्रताप सिंह के नेतृत्व एवं निर्देशन में जिला प्रशासन द्वारा ओरण, तालाब, नाडी, नदी-नाला सहित परम्परगत जल स्त्रोतों के राजस्व रिकॉर्ड में इन्द्राज करने के लिए ऐतिहासिक पहल प्रारम्भ की जाकर उसको अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
ओरण के 17 हजार 562 बीघा भूमि के प्रस्ताव स्वीकृति के लिए भिजवाई गई
जिला प्रशासन द्वारा अब तक जिले में आगोर, तालाब, नाड़ी, नदी-नाला सहित परंपरागत जल स्त्रोतों के लगभग 1 लाख बीघा भूमि राजस्व रिकॉर्ड में इंद्राज के लिए जिला कलक्टर की अनुशंषा सहित प्रस्ताव राज्य सरकार को प्रेषित किये जा चुके है। इसमें लगभग 17 हजार 562 बीघा भूमि के ओरण के प्रस्ताव राज्य सरकार को स्वीकृति के लिए अनुशंषा सहित भिजवाये जा चुके है। इसमें ग्राम पूनमनगर के स्वांगीया जी ओरण के 3 हजार 608 बीघा, कुछडी के आलाजी ओरण के 7 हजार 473 बीघा, बींजोता के तनोटराय ओरण के 598 बीघा एवं भीमसर देगराय ओरण के 5 हजार 883 बीघा शामिल है।
तालाब, आगोर, नाडी एवं नदी-नाले की लगभग 79 हजार बीघा भूमि के प्रस्ताव स्वीकृति के लिए प्रेषित
जिला प्रशासन ने परम्परागत जल स्त्रोत जैसे तालाब, नदी-नाला, नाडी, आगोर के कैंचमेंट एरिया को राजस्व रिकॉर्ड में इन्द्राज करने के लिए पहली बार ऐतिहासिक मुहिम की शुरूवात की है जो धरातल पर सामने आ रही है। जिला प्रशासन द्वार उपखण्ड अधिकारियों के नेतृत्व में गठित की गई टीमों ने मुस्तैदी के साथ कार्य कर आमजन की भावना की पूर्ति की ओर नया कदम उठाया है।
जिला प्रशासन द्वारा अब तक 47 गांवों एवं नगरीय क्षेत्र जैसलमेर की लगभग 79 हजार बीघा भूमि के प्रस्ताव राज्य सरकार को स्वीकृति के लिए जिला कलक्टर की अनुशषा सहित भिजवाये जा चुके है। इसमें ग्राम सुल्तानपुरा के 1383 बीघा,चूंधी के 1291 बीघा, गणेशदास की ढाणी के 1874 बीघा, अमरनगर के 537 बीघा, अमरसागर के 4732 बीघा, माणपिया के 319 बीघा, कुलधर के 1708 बीघा, मुंदरड़ी के 2280 बीघा, रामकुण्डा के 733 बीघा, जीयाई के 3207 बीघा, किशनघाट के 12 बीघा, मूलसागर के 1714 बीघा, बडाबाग के 1938 बीघा, धउवा के 3145 बीघा, भोजासर के 2038 बीघा, विजयनगर के 1601 बीघा, गोरेरा के 2319 बीघा, डलासर के 220 बीघा, पडिहारी के 1810 बीघा, पिथला के 4677 बीघा, लिदरवा के 1658 बीघा, छत्रैल के 2414 बीघा, रूपसी के 4546 बीघा, मोकलाल के 959 बीघा, लीला पारेवर के 161 बीघा, जायण के 185 बीघा भूमि के प्रस्ताव स्वीकृति के लिए शामिल है।
इसी प्रकार ग्राम डाबला के 2445 बीघा, जोधा के 2133 बीघा, धनुवा के 2604 बीघा, खींवसर के 386 बीघा, सेलल के 455 बीघा, मोती किलों की ढांणी के 277 बीघा, कंडियाला के 628 बीघा, बरमसर के 2234 बीघा, हांसुआ के 4742 बीघा, जोगा के 494 बीघा, पिपरला के 1646 बीघा, पोलजी की डेयरी के 1739 बीघा, हसन का गांव के 1320 बीघा, भींया के 3444 बीघा, भू के 410