भारतीय संसदीय शिष्टमंडल की यात्रा से भारत और बारबाडोस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को एक नया आयाम जुड़ा है

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Published on : 11 Oct, 25 10:10

लोक सभा अध्यक्ष ने बारबाडोस की नेशनल एसेम्बली का दौरा किया

भारतीय संसदीय शिष्टमंडल की यात्रा से भारत और बारबाडोस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को एक नया आयाम जुड़ा है

राष्ट्रमंडल के अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों का 28वाँ सम्मेलन (सीएसपीओसी )अगले वर्ष जनवरी में नई दिल्ली में होगा*

 

गोपेन्द्र नाथ भट्ट 

 

ब्रिजटाउन, बारबाडोस, : ब्रिजटाउन, बारबाडोस में आयोजित 68वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन के अवसर पर, लोकसभाध्यक्ष, ओम बिरला के नेतृत्व में भारतीय संसदीय शिष्टमंडल ने बारबाडोस की नेशनल एसेम्बली का औपचारिक दौरा किया। बिरला और भारतीय संसदीय शिष्टमंडल के सदस्यों का बारबाडोस के हाउस ऑफ एसेम्बली के स्पीकर, आर्थर होल्डर ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर, शिष्टमंडल के सदस्यों और बारबाडोस के सांसदों ने परस्पर सहयोग को मज़बूत करने, लोकतांत्रिक मूल्यों के आदान-प्रदान और वैश्विक मंचों पर साझेदारी बढ़ाने के बारे में चर्चा की।

 

ओम बिरला ने बारबाडोस संसद में स्थापित वह ऐतिहासिक अध्यक्षपीठ भी देखी, जो 1966 में बारबाडोस की स्वतंत्रता के उपलक्ष्य में भारत सरकार द्वारा उपहार स्वरूप दी गई थी। यह अध्यक्षपीठ भारत और बारबाडोस के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है। भारतीय सागौन की लकड़ी से निर्मित, इस पीठ को बारह भारतीय कारीगरों ने लगभग एक वर्ष की अवधि में हाथ से तराशा था। इस पीठ पर * भारत के लोगों की ओर से बारबाडोस के लोगों को* (From the People of India to the People of Barbados) लिखा है, जो दोनों देशों के बीच स्नेह, सहयोग और मैत्री की चिरस्थायी भावना को दर्शाता है।

 

इस अवसर पर, बिरला ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत और बारबाडोस की लोकतांत्रिक परंपराएँ, संसदीय प्रणालियाँ और साझा मूल्य दोनों देशों को करीब ला रहे हैं। उन्होंने इस ऐतिहासिक धरोहर को "भारत-बारबाडोस मैत्री का जीवंत उदाहरण" बताया। दोनों पक्ष शिक्षा, संस्कृति, नवीकरणीय ऊर्जा और संसदीय सहयोग के क्षेत्रों में नए अवसर तलाशने पर सहमत हुए। दोनों पक्षों के सांसदों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि श्री बिरला के नेतृत्व में भारतीय संसदीय शिष्टमंडल की यह यात्रा भारत और बारबाडोस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

*संसदीय सम्मेलन में कीं द्विपक्षीय बैठकें*

 

*समकक्षों को दिल्ली में आयोजित होने वाले राष्ट्रमंडल के अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों के 28वें सम्मेलन (सीएसपीओसी) में आमंत्रित किया*

 

राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन के दौरान, बिरला ने सम्मेलन में भाग ले रहे अन्य विधानमंडलों के समकक्ष पीठासीन अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। ऑस्ट्रेलिया की सीनेट की प्रेसिडेंट, महामहिम सू लाइन्स के साथ बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बढ़ते सहयोग के बारे में बात की, जो 2020 से व्यापक रणनीतिक साझेदारी के रूप में विकसित हुआ है। बिरला ने रेखांकित किया कि यह साझेदारी जी-20 और राष्ट्रमंडल जैसे मंचों के माध्यम से और मजबूत हुई है तथा रक्षा, व्यापार, नवीकरणीय ऊर्जा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में की जा रही है  जो वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है। बिरला ने संसदीय नवाचार में विशेष रूप से 'डिजिटल संसद' और एआई-संचालित बहुभाषी टूल्स जैसी पहलों का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे  विधायी प्रक्रिया में  पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही बढ़ रही है । बिरला ने सू लाइन्स को  जनवरी 2026 में नई दिल्ली में आयोजित होने वाले राष्ट्रमंडल के अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों के 28वें सम्मेलन (सीएसपीओसी) में आमंत्रित किया । 

 

लोकसभाध्यक्ष, ओम बिरला और बारबाडोस के हाउस ऑफ एसेम्बली के स्पीकर, महामहिम आर्थर होल्डर के बीच हुई बैठक में संयुक्त राष्ट्र, जी-77 और कैरिकॉम जैसे बहुपक्षीय मंचों पर चल रहे सहयोग पर चर्चा हुई, जहाँ दोनों देश न्यायसंगत और समावेशी सुधारों का समर्थन करते हैं। इस बैठक में संसदीय सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर भी चर्चा हुई, जिसमें शिष्टमंडलों के नियमित आदान-प्रदान, सर्वोत्तम विधायी प्रथाओं को अपनाने तथा अधिक समावेशी, जन-केंद्रित विधानमंडलों को बढ़ावा देने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के उपयोग पर ज़ोर दिया गया। श्री बिरला ने महामहिम श्री होल्डर को जनवरी 2026 में नई दिल्ली में आयोजित होने वाले 28वें सीएसपीओसी में भाग लेने का निमंत्रण दिया।

 

68वें सीपीसी के अवसर पर, बिरला ने जमैका की संसद के हाउस ऑफ रिप्रेसेंटेटिव्स की स्पीकर, जूलियट होलनेस के साथ भी चर्चा की। दोनों नेताओं ने नियमित आदान-प्रदान, क्षमता निर्माण पहलों तथा विधायी पारदर्शिता एवं दक्षता बढ़ाने के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) अपनाने के माध्यम से संसदीय सहयोग को मज़बूत करने के बारे में बात की । बिरला ने होलनेस को जनवरी 2026 में नई दिल्ली में आयोजित होने वाले 28वें सीएसपीओसी में भाग लेने का निमंत्रण दिया।

 

बिरला ने जाम्बिया की नेशनल एसेम्बली की स्पीकर, नेली मुट्टी के साथ भी सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय बैठक की। श्री बिरला ने कहा कि भारत और जाम्बिया के बीच लंबे समय से मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं और दोनों पक्ष शिष्टमंडलों के नियमित आदान-प्रदान और सर्वोत्तम विधायी प्रथाओं को साझा करने सहित बेहतर संसदीय सहयोग के नए मार्ग तलाश रहे हैं। बिरला ने संसदीय प्रक्रियाओं को अधिक जन-केंद्रित बनाने में प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के उपयोग में भारत के अनुभव को भी साझा किया। इस बैठक में, बिरला ने महामहिम सुश्री मुट्टी को जनवरी 2026 में नई दिल्ली में आयोजित 28वें सीएसपीओसी में भाग लेने के लिए औपचारिक निमंत्रण दिया।

 

*भारतीय समुदाय को संबोधित किया*

 

बारबाडोस यात्रा के दौरान, लोक सभा अध्यक्ष, ओम बिरला ने वहाँ रह रहे प्रवासी भारतीयों से बातचीत की। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों ने अपनी कड़ी मेहनत और ईमानदारी से दुनिया भर में एक मज़बूत पहचान और प्रतिष्ठा बनाई है। उन्होंने आगे कहा कि बारबाडोस में भारतीय समुदाय दिवाली, होली, गणेश चतुर्थी और नवरात्रि जैसे त्योहार एक साथ मनाता है, जिससे सामुदायिक बंधन मज़बूत होते हैं। श्री बिरला ने कहा कि रामायण और महाभारत की शिक्षाएँ धर्म, सत्य और कर्तव्य पर बल देते हुए प्रवासी भारतीयों का मार्गदर्शन करती हैं।

 

बिरला ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों के बारे में बताते हुए, कहा कि आज भारत अंतरिक्ष अन्वेषण, डिजिटल भुगतान और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस जैसी अत्याधुनिक तकनीकों में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। श्री बिरला ने यह भी कहा कि क्रिकेट दोनों देशों के बीच एक सांस्कृतिक सेतु की भूमिका निभा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि हाल के वर्षों में, दोनों देशों में सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में घनिष्ठ सहयोग किया जा रहा है। श्री बिरला ने उपस्थित लोगों को अपने कार्यों के माध्यम से भारत की सकारात्मक छवि बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने नई पीढ़ी से अपने बच्चों को भारतीय भाषाएँ सिखाने और अपनी संस्कृति के बारे में बताने का भी आह्वान किया, ताकि भारतीय संस्कृति पीढ़ियों तक जीवित रहे।


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