पाकिस्तान एक विभाजनकारी और दमनकारी देश

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Published on : 10 Oct, 25 05:10

पाकिस्तान एक विभाजनकारी और दमनकारी देश

*पाली सांसद पी पी चौधरी ने संयुक्त राष्ट्र की बैठक में विश्व समुदाय को दिखाई पाकिस्तान की हक़ीकत* 

*भारत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र का एक विश्वसनीय भागीदार*

 

नीति गोपेन्द्र भट्ट 

 

न्यूयॉर्क/नई दिल्ली/पाली/जोधपुर। संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के नेता, राजस्थान के पाली से सांसद और एक राष्ट्र एक चुनाव संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष पी.पी. चौधरी ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र की तीसरी समिति की बैठक में आम बहस के दौरान भारत का पक्ष रखते हुए  पाकिस्तान के नापाक इरादों  और दुष्प्रचार के रिकॉर्ड को तीखे ढंग से उजागर किया।

 

जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान की निराधार टिप्पणियों को खारिज करते हुए, सांसद चौधरी ने दोहराया कि यह केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है। उन्होंने चुनावों में धांधली, लोकप्रिय नेताओं को जेल में डालने, अपनी ही जनता पर बमबारी करने और जन-आंदोलनों का क्रूरतापूर्वक दमन करने जैसे संकीर्ण राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के मंचों का पाकिस्तान द्वारा आदतन दुरुपयोग करने की आलोचना की। सांसद चौधरी ने विश्व समुदाय को याद दिलाया कि पाकिस्तान के अपने सेना प्रमुख ने भी देश को ‘डंप ट्रक’ बताया है, जो उसके शासन की सड़न को उजागर करता है।

 

चौधरी ने रेखांकित किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारा भारत, पाकिस्तान की विभाजनकारी और दमनकारी नीतियों के विपरीत, वैश्विक दक्षिण और संयुक्त राष्ट्र के एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में खड़ा है । उन्होंने कहा कि भारत का संविधान, मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा से प्रेरित होकर, अधिकार-आधारित ढांचा प्रदान करता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक नागरिक अपनी पूरी क्षमता तक अपने लक्ष्यों तक पहुंच सके। उन्होंने इस अवसर पर समावेशी विकास में भारत की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। पिछले एक दशक में 25 करोड़ से ज़्यादा लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाला गया है, जबकि लगभग 80 करोड़ लोग सार्वजनिक वितरण प्रणाली से लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि सामाजिक सुरक्षा अब देश की 64.3 प्रतिशत आबादी को कवर करती है।

 

महिला सशक्तिकरण पर, चौधरी ने कहा कि ‘नारी शक्ति’ एक राष्ट्रीय मिशन बन गया है, जहाँ उच्च शिक्षा में महिलाओं का नामांकन दुनिया भर में सबसे ज़्यादा है और 2024-25 तक कार्यबल में उनकी भागीदारी बढ़कर 40.3 प्रतिशत हो जाएगी। उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक, 2023 को महिला-नेतृत्व वाले शासन में एक मील का पत्थर बताया।

सांसद चौधरी ने इस दौरान भारत के युवा सशक्तीकरण और प्रौद्योगिकी-संचालित विकास पर ज़ोर दिया, और माई भारत, स्किल इंडिया, पीएम-एनएपीएस और युवाआई एआई कौशल कार्यक्रम की सफलता का ज़िक्र किया। साथ ही प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डिजिटल रूप से वितरित 512 बिलियन अमरीकी डॉलर) और यूपीआई जैसे डिजिटल नवाचारों का भी ज़िक्र किया, जिन्होंने वित्तीय समावेशन को बदल दिया है। उन्होंने मेरी पंचायत ऐप पर गौरवान्वित होते हुए बताया कि इसने 265,000 ग्राम परिषदों को सशक्त बनाने के लिए डब्ल्यूएसआईएस 2025 चौंपियन पुरस्कार जीता है ।अंत में चौधरी ने कहा कि हमारा भारत प्रधानमन्त्री  नरेन्द्र मोदी के कुशल और मजबूत नेतृत्व में ‘विकसित भारत-2047’ के अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए  दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।

 

*राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर भावभीनी श्रद्धांजलि*

 

इससे पहले सांसद चौधरी सहित पूरे भारतीय प्रतिनिधिमण्डल ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें  भावभीनी श्रद्धांजलि दी  और कहा कि शांति, अहिंसा और सद्भाव का उनका शाश्वत संदेश आज भी हमारा मार्गदर्शन और प्रेरणा करता है और विश्व के लिए एक प्रकाश स्तंभ के रूप में खड़ा है।

 

सांसद चौधरी और प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों  ने संयुक्त राष्ट्र संघ के अन्तराष्ट्रीय क्राइसिस ग्रुप के निदेशक रिचर्ड गोवन के साथ ‘‘संयुक्त राष्ट्र को उद्देश्य के अनुरूप बनाना’’ विषय पर सार्थक विमर्श किया।

इस अवसर पर सांसद चौधरी ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष होने के नाते मैं, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. हरिश जी द्वारा प्रदान किए गए रणनीतिक दिशा निर्देशन के लिए गहरा आभार व्यक्त करता हूं।

 


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