उदयपुर। प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी नगर निगम सचिव के नेतृत्व में दिवाली मेले का आयोजन धूमधाम से किया जा रहा है। मेला 9 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 23 अक्टूबर तक चलेगा। यह 15 दिवसीय मेला न केवल व्यापारिक गतिविधियों बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों से भी शहरवासियों के लिए मनोरंजन का केंद्र बनेगा।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झलक
मेले के अंतर्गत सांस्कृतिक कार्यक्रम 11 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 16 अक्टूबर तक आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान परंपरा, भक्ति और बॉलीवुड का सुंदर संगम देखने को मिलेगा। पहले दिन ‘इंडियन ओशन बैंड’ तथा फकीरा खान व मांगनिहार कलाकारों द्वारा मारवाड़ की सांस्कृतिक परंपरा को प्रस्तुत किया जाएगा। दूसरे दिन प्रसिद्ध बॉलीवुड सिंगर जोड़ी ‘सचेत-परंपरा’ अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोहेंगी। तीसरे दिन ‘भक्ति वंदना’ के रूप में लखवीर सिंह लखा और स्वाति मिश्रा भजन संध्या का आयोजन करेंगे।
महा आरती बनेगी इस बार का विशेष आकर्षण
इस वर्ष मेले की विशेषता होगी ‘महा आरती’, जो मेले के अंतिम दिन आयोजित की जाएगी। बनारस के गंगा घाट की आरती और महाकाल आरती के स्वरूप को उदयपुर में पुनः सजीव करने का प्रयास किया जाएगा। नगर निगम ने इसे दिवाली के पूजन और आस्था से जोड़ते हुए एक नई परंपरा की शुरुआत के रूप में प्रस्तुत किया है।
स्थानीय प्रतिभाओं को मिलेगा मंच
स्थानीय कलाकारों के लिए ऑडिशन की प्रक्रिया पहले ही पूर्ण की जा चुकी है। इस बार ऑडिशन में कोई आयु सीमा नहीं रखी गई है, जिससे 40 वर्ष से अधिक उम्र के कलाकार भी अपनी प्रतिभा दिखा सकेंगे। पहले दो दिन इन स्थानीय कलाकारों को प्रस्तुति का अवसर दिया जाएगा।
बॉलीवुड नाइट – ‘रंग, रोशनी और राग’
14 अक्टूबर को ‘रंग, रोशनी और राग’ थीम पर बॉलीवुड नाइट का आयोजन किया जाएगा। इसमें सचेत-परंपरा के लोकप्रिय गीतों के साथ रोशनी और संगीत का अनोखा संगम होगा।
मनोरंजन और व्यापार का संगम
शहरवासियों के मनोरंजन के लिए झूले, खाने-पीने की दुकानें और पारंपरिक बाजारों की सजावट आकर्षण का केंद्र रहेंगी। दुकानों की नीलामी से नगर निगम को लगभग 1 करोड़ रुपये और झूलों से 85 लाख रुपये की आय हुई है। कुछ कार्यक्रमों का प्रायोजन वंडर्स इवेंट, विराज ग्रुप और गीतांजली हॉस्पिटल जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा किया जाएगा।
पार्किंग और यातायात की विशेष व्यवस्था
शहर में यातायात सुचारू रहे इसके लिए श्रमजीवी कॉलेज और कस्तूरबा अस्पताल के पास बड़े पैमाने पर पार्किंग व्यवस्था की जा रही है, जिससे 200 से अधिक वाहनों की पार्किंग संभव होगी।
नया लुक और सम्मान कार्यक्रम
इस बार टेंट व्यवसायियों और व्यापारिक संगठनों द्वारा बाजारों की सजावट की परंपरा को भी जारी रखा जाएगा। नगर निगम द्वारा सर्वश्रेष्ठ सजावट करने वालों को सम्मानित किया जाएगा।
पूर्व जनप्रतिनिधियों और शहरवासियों से अपील
सचिव ने बताया कि यद्यपि इस वर्ष नगर निगम बोर्ड नहीं है, फिर भी सभी पूर्व पार्षदों और जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने शहरवासियों से भी आग्रह किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में मेले में भाग लेकर इस उत्सव को सफल बनाएं।
यह मेला न केवल मनोरंजन का माध्यम बनेगा, बल्कि उदयपुर की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को भी नई दिशा देने का कार्य करेगा।